
इंदौर। शहर (Indore) की ट्रैफिक व्यवस्था (traffic system) और बढ़ते जा रहे जाम को रोकने के लिए रिंगरोड (ring road) सहित शहर के बीचोबीच से संचालित हो रहे बस आपरेटरों (Bus Operators) को शहर से बाहर जाने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने सरवटे और पटेल ब्रिज से संचालित होने वाली बसों के निजी आपरेटरों के लिए पार्किंग व्यवस्था दिलाने की पहल की है। पोलोग्राउंड (Pologround) क्षेत्र में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर अस्थायी पार्किंग स्थल तैयार कराया जा रहा है।
सरवटे सहित पटेल ब्रिज के पास छोटी ग्वालटोली से संचालित होने वाली निजी बसों की पार्किंग के लिए कलेक्टर ने पोलोग्राउंड क्षेत्र में सरकारी खाली जमीन की तलाश की है। यहां-वहां पार्क हो रही बसों के साथ सडक़ किनारे अतिक्रमण को खत्म करने के लिए यह पहल की जा रही है। कलेक्टर ने पूर्व में भी रिंगरोड पर पार्क हो रही बसों के आपरेटरों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देश दिए थे कि वे स्वयं की जवाबदारी पर व्यवस्थाएं कर लें या शहर के बाहर जाकर पार्किंग करें, अन्यथा अब उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। निर्देश के बाद काफी हद तक इस समस्या पर लगाम लग गई। अब शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों पर भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। कलेक्टर आशीष सिंह से मिली जानकारी के अनुसार अभी अस्थायी तौर पर पोलोग्राउंड क्षेत्र में सरकारी खाली पड़ी जमीन को पार्किंग के लिए तैयार किया जा रहा है। यहां समतलीकरण के साथ जरूरी व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं। जल्द ही वल्लभनगर, राजकुमार मंडी क्षेत्र में पार्क हो रहीं बसों सहित सरवटे और छोटी ग्वालटोली की बसों के लिए पार्किंग की नई व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
पार्किंग का शुल्क तय किया जाएगा
यहां पार्किंग की सुविधा अभी फिलहाल प्रशासन के खर्चे पर की जा रही है, लेकिन आने वाले समय में निजी बस आपरेटरों को पार्किंग शुल्क अदा करना होगा। इसके लिए प्रशासन आरटीओ व अन्य अधिकारियों के साथ बैठकर प्लान तैयार करा रहा है। अधिकारियों के अनुसार इस तरह की अन्य क्षेत्रों में भी जमीनों की तलाश की जा रही है, जहां से पार्किंग की समस्या से निजात पाई जा सके।
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