
नई दिल्ली। AB-PMJAY यानी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Prime Minister Public Health Scheme) में सूचीबद्ध होने वाले अस्पतालों (Hospitals.) में गिरावट दर्ज की जा रही है। ताजा आंकडे़ बता रहे हैं कि 2024 की तुलना में 2025 में अस्पतालों का शामिल होना काफी धीमा चल रहा है। कहा जा रहा है कि इसकी बड़ी वजह भुगतान में देरी है। हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
एक रिपोर्ट में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (National Health Authority) के हवाले से बताया गया है कि बीते चार महीनों में योजना में 443 अस्पताल शामिल हुए हैं। इनमें जनवरी में 161, फरवरी में 187, मार्च में 40 और अप्रैल में 55 अस्पताल हैं। इसके अलावा हाल ही में 20 अस्पतालों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में प्रतिमाह औसत 316 अस्पताल शामिल हो रहे थे, जो 2025 में गिरकर 111 पर आ गया है।
अखबार के अनुसार, कम पैकेज रेट और भुगतान में देरी बड़ी वजह हैं कि प्राइवेट सेक्टर सरकारी योजनाओं में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, NHA के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अस्पतालों का शामिल होना जारी है और संभव है कि नए सिस्टम पर जाने के चलते अस्पतालों को जुड़ने के ताजा आंकड़े अभी अपडेट ना हुए हों।
अखबार से बातचीत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘रेट्स को कम से कम CGHS स्तर तक बढ़ाया जाना चाहिए।’ IMA ने भी इस बात पर जोर दिया है कि योजना के तहत इलाज में पैकेज रेट बठाए जाने की जरूरत है। खास बात है कि साल 2018 से अब तक 609 निजी अस्पताल इस योजना से दूरी बना चुके हैं।
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