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मुनाफाखोर कंपनियों की अब खैर नहीं… रोजमर्रा की चीजों की MRP पर सरकार की कड़ी नजर

September 17, 2025

नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi government) ने जीएसटी दरों (GST Rates) में की गई कटौती का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके तहत सभी उत्पादों की कीमतों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। अधिकारी अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) (Maximum Retail Price – MRP) का ब्योरा जुटाएंगे। अगर कोई कंपनी मुनाफाखोरी के उद्देश्य से उत्पाद की कीमतों में बढ़ोतरी करती है तो उसे नोटिस भेजा जाएगा।

जीएसटी विभाग एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि अब तक अधिकांश कंपनियां कीमतों पर कटौती करने के लिए पूरी तरह से सहमत हैं। खासकर डेली यूज की वस्तुओं की कीमतों पर नजर बड़ी चुनौती है। इसके लिए सरकार ने समुचित व्यवस्था की है। इसके तहत हर जोन से उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) का तुलनात्मक आंकड़ा मांगा गया है। अधिकारी के मुताबिक, अब तमाम कंपनियां कीमतों में कटौती कर रही हैं, लेकिन सरकार सिर्फ उनके भरोसे पर नहीं है।


एमआरपी का ब्योरा मांगा
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की तरफ से सीजीएसटी से जुड़े हर जोन के प्रधान मुख्य आयुक्त और मुख्य आयुक्तों से उत्पादों की एमआरपी का ब्यौरा मांगा गया है। हर जोन से कहा गया है कि वह अपने क्षेत्रों में बिकने वाले उत्पादों की 22 सितंबर से पहले और उसके बाद की एमआरपी का ब्यौरा उपलब्ध कराएं। 30 सितंबर तक सभी जोन से ब्यौरा उपलब्ध कराया जाना है, जिसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कोई कंपनी जीएसटी दरों में की गई कटौती के बाद मुनाफा वसूली तो नहीं कर रही है।

छह महीने तक भेजनी होगी रिपोर्ट
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगले छह महीने तक हर जोन को 22 सितंबर से पहले और उसके बाद की एमआरपी को ब्यौरा प्रत्येक महीने की 20 तारीख तक वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग को भेजना होगा। इसका मतलब है कि जीएसटी विभाग कीमतों पर बारीकी से नजर रखेगा। इसके जरिए विभाग यह नजर रखेगा कि कोई कंपनी अपने उत्पाद की कीमतों में बढ़ोतरी कर मुनाफा वसूली तो नहीं कर रही है। कुल 54 श्रेणी में आने वाले उत्पादों की एमआरपी रिपोर्ट देनी जरूरी होगी।

कीमतों पर नजर रखने का अधिकार
वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के समय कर की दर में कमी या इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ को उपभोक्ताओं को देना जरूरी है। यदि करदाता ऐसा नहीं करता है तो यह मुनाफाखोरी मानी जाती है, जिसे देखने और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी जीएसटी अधिकारियों के पास है, जिसका प्रावधान जीएसटी कानून में किया गया है।

एनएए को शिकायतों को सुनने का अधिकार
राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) को भी मुनाफाखोरी से जुड़ी शिकायतों को सुनने का अधिकार है। अगर कोई कंपनी अनावश्यक रूप से कीमतों को बढ़ाकर मुनाफा वसूली कर रही है तो ऐसी स्थिति में एनएए में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

आम लोगों से जुड़े जरूरी सवाल-जवाब
1. मेडिकल स्टोर पर दवाइयों को लेकर क्या नया नियम लागू होगा?
– अब हर मेडिकल स्टोर पर दवाइयों की नई मूल्य सूची रखना अनिवार्य होगा। यह सूची ग्राहकों को आसानी से दिखनी चाहिए।

2. नई रेट लिस्ट कौन जारी करेगा और कहां उपलब्ध होगी?
यह सूची फार्मा कंपनियां/विपणन कंपनियां जारी करेंगी। यह डीलरों और मेडिकल स्टोर चलाने वाले दुकानदारों के पास रखी जाएगी और ग्राहकों को दिखाई जाएगी।

3. क्या अब स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी लगेगा?
नहीं। अब व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पूरी तरह से कर-मुक्त रहेंगे। यदि कोई व्यक्ति परिवार के लिए भी स्वास्थ्य बीमा लेता है तो उस पर भी कर नहीं लगेगा।

4. आरोग्य और सौंदर्य सेवाओं पर जीएसटी कितना होगा?
इन सेवाओं पर भी अब सपाट 5% जीएसटी लागू होगा।

5. होटल किराये पर जीएसटी कितना होगा?
7,500 रुपये प्रतिदिन तक के होटल कमरे के किराये पर भी सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा।

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