
नई दिल्ली । ओडिशा (Odisha) में कुछ हफ्ते पहले ही मांझी सरकार (Manjhi government) ने विधायकों (MLA) की वेतन (salaries) को तीन गुना बढ़ाने के चार विधेयकों को विधानसभा (Assembly) से पास करवाया था। यह विधेयक राज्यपाल के पास मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब खबर है कि भाजपा सरकार इन विधेयकों को वापस ले सकती है। दरअसल, सरकार के इस फैसले के बाद पूरे राज्य में इसका विरोध हो रहा है, ऐसे में भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस घटनाक्रम की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग ने दी। पार्टी मुख्यालय में भाजपा विधायकों के संग बैठक करने के बाद उन्होंने कहा,”हाल ही में राज्य विधानसभा में विधायकों और अन्य पदाधिकारियों के वेतन और भत्तों में बढ्ढोत्तरी से जुड़े चार विधेयकों पर चर्चा हुई। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सभी भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपकर वेतन वृद्धि के इस फैसले पर फिर से सोचने का आग्रह किया है।
भाजपा के अंदरूनी सूत्र के अनुसार, विधायकों को यह ज्ञापन देने के लिए कहा गया था क्योंकि वेतन वृद्धि के समय और इसको इतने बड़े स्तर तक बढ़ाए जाने को लेकर जनता में नाराजगी देखी जा रही थी। इसके अलावा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस पर असंतोष जताया था।
एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वेतन वृद्धि करते समय यह तर्क दिया गया था कि 2018 के बाद से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। लेकिन इसे तीन गुना बढ़ा देना और देश में सबसे ज्यादा कर देना सही नहीं है। भाजपा सरकार को सत्ता में आए अभी केवल 2 साल हुए हैं, ऐसे में सरकार को अन्य कई मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। इस फैसले से जनता के बीच में सरकार की छवि पर असर पड़ रहा था।
आपको बता दें, विधायकों और विधानसभा के अन्य पदाधिकारियों के वेतन भत्तों को बढ़ाने वाले इन विधेयकों को मुकेश महालिंग ने ही विधानसभा में पेश किया था। उस समय पर उन्होंने बढ़ती महंगाई का हवाला देकर इस फैसले को सही ठहराया था। अधिकारियों के मुताबिक विधायकों और अन्य पदाधिकारियों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी से राज्य के खजाने पर हर साल करीब 45 से 50 करोड़ का बोझ बढ़ जाता।
इन विधेयकों को पारित करने समय भाजपा, बीजद और कांग्रेस तीनों दलों के विधायकों ने इसका समर्थन किया था। केवल माकपा विधायक लक्ष्मण मुंडा ने इसका विरोध किया था। इसके कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री मांझी और नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने भी बढ़ी हुई राशि को लेने से इनकार कर दिया था।
कितना बढ़ता विधायकों का वेतन?
विधानसभा में पेश किए गए इन विधेयकों के मुताबिक विधायकों के वेतन में तीन गुना बढ़ोतरी हो रही थी। वर्तमान में ओडिशा विधायकों को मासिक वेतन और भत्ते मिलाकर 1 लाख रुपए की राशि मिलती है। इस विधेयक के बाद यह राशि 3.45 लाख रुपए की जाने वाली थी। इससे यह देश में सबसे ज्यादा हो जाता। इसके अलावा मुख्यमंत्री, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष और अन्य मुख्य सचेतकों का मासिक वेतन और भत्ते भी 3.50 लाख से बढ़ाकर 3.68 लाख करने का प्रावधान था।

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved