
नई दिल्ली । नेपाल (Nepal) में Gen Z के विरोध प्रदर्शन (Protests) की आग ने पूरे देश को अपने चपेट में ले लिया है। कथित तौर पर सोशल मीडिया (Social media) पर लगाए गए बैन के विरोध में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन बड़ी हिंसा में तब्दील हो गया और अब स्थिति यह है कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (Prime Minister KP Sharma Oli) को इस्तीफा देना पड़ा है। प्रदर्शनकारियों ने ना सिर्फ देश के संसद और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को आग के हवाले कर दिया, बल्कि नेपाली राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सहित कई शीर्ष राजनीतिक नेताओं के घरों को भी फूंक दिया। इस आग में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल की पत्नी की जलकर मौत हो गई है। लेकिन इन सब के बीच सवाल यह हैं कि आखिर यह सबकुछ शुरू कैसे हुआ?
नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रंजीत राय ने इस मामले पर बातचीत करते हुए कुछ वजहें गिनाई हैं। पूर्व राजदूत के मुताबिक संकट के पीछे सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध एकमात्र कारण नहीं हैं। उन्होंने बताया, “प्रत्यक्ष कारण यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने सोशल मीडिया ऐप्स पर इस आधार पर प्रतिबंध लगा दिया था कि वे नेपाली कानून का पालन नहीं कर रहे थे। मुझे लगता है कि यह एक मूर्खतापूर्ण फैसला था, लेकिन असली महज यह नहीं हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि नेपाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया था। रंजीत राय ने कहा, “सरकारी दफ्तरों में व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर नेपाल के लोग काफी निराश हैं। देश में कई घोटाले हुए हैं। दूसरी बात लोगों के बीच यह विचार भी बढ़े हैं कि देश के कुछ टॉप नेताओं के परिवार को बहुत अधिक विशेषाधिकार प्राप्त हैं। नेपाल में ऐसी चीजें हमेशा वायरल होती रहती हैं जहां नेपो किड्स, जो इन नेताओं के बच्चे हैं, सोशल मीडिया पर अपनी लक्जरी लाइफस्टाइल दिखा रहे होते हैं। ऐसी भावना थी कि सरकार लोगों को नहीं सुन रही है और राजनीतिक नेतृत्व युवा पीढ़ी से कटा हुआ है।”
इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने देश में जारी सरकार विरोधी जबर्दस्त प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले प्रधानकारियों ने बड़े स्तर पर उत्पाद मचाया है। सोमवार को विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के लिए ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के कई मंत्रियों के घर पर धावा बोल दिया। इस दौरान सरकार की ओर से लगाए गए कर्फ्यू के बावजूद हजारों की संख्या में युवाओं ने कई बड़े मंत्रियों के आवासों को फूंक डाला। इस दौरान देश के गृह मंत्री को दौड़ा दौड़ा कर पीटा भी गया है। कई नेताओं को सेना ने हेलीकॉप्टर के जरिए बाहर निकाला है।
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