
काठमांडू । नेपाल में प्रदर्शनकारियों (Protesters in Nepal) ने 48 घंटे में तख्ता पलट कर दिया (Overthrew the Government in 48 Hours) । राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।
नेपाल में चल रहे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया । प्रदर्शनकारी शुरुआत से ही उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। हालांकि, सोमवार को सरकार ने स्पष्ट कहा था कि ओली इस्तीफा नहीं देंगे। मंगलवार को भी सरकार की ओर से ऐसा ही बयान आया था। इसके बाद प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए और हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिए। इस दौरान राष्ट्रपति भवन से लेकर ओली के आवास तक आगजनी और तोड़फोड़ की गई। पुलिस और सेना भी प्रदर्शनकारियों को रोकने में नाकाम रही। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सैनिकों पर पथराव भी किया।
लगातार हिंसक प्रदर्शनों और युवाओं के बढ़ते दबाव के कारण ओली सरकार के कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। सोमवार को सबसे पहले गृहमंत्री ने कैबिनेट बैठक के दौरान इस्तीफा दिया था। मंगलवार को भी कई मंत्रियों ने पद छोड़ दिया। इसके बाद ओली सरकार पूरी तरह बैकफुट पर आ गई, और अंततः ओली को भी इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारी मंगलवार सुबह से मौजूदा सरकार की जगह अंतरिम सरकार के गठन की मांग कर रहे थे, जिसके दौरान उन्होंने हिंसा और आगजनी भी की।
ओली के इस्तीफे की खबर सामने आते ही प्रदर्शनकारी खुशी से झूम उठे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छी खबर है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। अब युवा खड़े होकर देश के विकास में योगदान देंगे। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि ओली ने इस्तीफा दे दिया।
ओली के इस्तीफे के बाद सवाल उठता है कि नेपाल में अब क्या होगा? क्या अंतरिम सरकार बनेगी या सेना सत्ता संभालेगी? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब सभी जानना चाहते हैं। प्रदर्शनकारी शुरू से ही अंतरिम सरकार की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि अगर अंतरिम सरकार बनी, तो प्रधानमंत्री कौन होगा? बांग्लादेश और श्रीलंका की राह पर जाएगा नेपाल? दूसरी ओर सोशल मीडिया पर बालेन्द्र शाह के समर्थन में ढेरों पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं। लोग बालेन से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय नेतृत्व संभालने की मांग कर रहे हैं। जेन-जी अपनी टाइमलाइन पर लिख रहा है कि प्रिय बालेन्द्र, अभी नहीं तो फिर कभी नहीं, और उनसे नई राजनीतिक पार्टी बनाकर देश को नई दिशा देने की गुहार लगा रहा है।
बालेन्द्र शाह एक सिविल इंजीनियर, रैपर और काठमांडू के 15वें मेयर हैं। 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर उन्होंने इतिहास रचा था। कहा जाता है कि बालेन ने अपने कार्यकाल में काठमांडू में कई सुधार किए, जैसे सड़कों की सफाई, पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथों को बेहतर करना, सरकारी स्कूलों की निगरानी को मजबूत करना और टैक्स चोरी करने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई करना। युवाओं के बीच उनकी बेदाग छवि और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
बालेन्द्र की यह छवि तब और मजबूत हुई जब उन्होंने हाल ही में जेन-जी के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों का समर्थन किया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि हालांकि आयु सीमा (28 वर्ष से कम) के कारण वे प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन उनकी पूरी सहानुभूति और समर्थन प्रदर्शनकारियों के साथ है। उन्होंने राजनीतिक दलों और नेताओं से इस आंदोलन का दुरुपयोग न करने की अपील भी की।
गौरतलब है कि सोमवार को काठमांडू और देश के अन्य शहरों में हजारों युवा सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शनकारी सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स पर लगाए गए प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। उनके बैनर-पोस्टर पर लिखे नारे जैसे ‘भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं’ और ‘युवा भ्रष्टाचार के खिलाफ’ उनकी मांगों को स्पष्ट कर रहे थे।
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