
नई दिल्ली । महाराष्ट्र (Maharashtra)के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Chief Minister Devendra Fadnavis) बुधवार को मराठवाड़ा क्षेत्र(Marathwada region) में स्थित छत्रपति संभाजीनगर(Chhatrapati Sambhajinagar) के सिद्धार्थ गार्डन में मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम स्मारक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। जैसे ही CM फडणवीस ने अपना भाषण शुरू किया, वैसे ही OBC आंदोलनकारी काला झंडा लहराते हुए नारे लगाने लगे और हैदराबाद गजट पर सरकारी आदेश वापस लेने की मांग करने लगे। इस तरह ओबीसी आरक्षण आंदोलनकारियों ने मराठवाड़ा मुक्ति दिवस के कार्यक्रम में बाधा डाली। बड़ी बात ये है कि कड़ी पुलिस जांच के बावजूद, तीन बुजुर्ग ओबीसी कार्यकर्ता सिद्धार्थ गार्डन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भाषण स्थल में घुसने में कामयाब रहे।
70 वर्षीय रामभाऊ पेरकर, 62 वर्षीय अशोकसिंह शेवगन और 59 वर्षीय शिवाजी गायकवाड़ जैसे ओबीसी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के भाषण शुरू होते ही नारे लगाए। उन्होंने हैदराबाद राजपत्र से संबंधित सरकारी आदेश को वापस लेने की मांग की, जो ओबीसी कोटे के तहत मराठों को आरक्षण देने की सिफारिश करता है। मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे के अनशन के बाद यह सरकारी आदेश राज्य सरकार द्वारा 2 सितंबर को जारी किया गया था।
ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय करने के आरोप
आंदोलनकारियों ने राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। नारेबाजी करते ही संभाजीनगर शहर पुलिस ने तुरंत तीनों ओबीसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें क्रांति चौक पुलिस स्टेशन ले गई, जहाँ उनकी रिहाई से पहले उनके खिलाफ एक गैर-संज्ञेय प्राथमिकी दर्ज की गई।
CM बोले पब्लिशिटी स्टंट
हालांकि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दो-तीन लोगों ने पब्लिशिटी पाने के लिए इस तरह की हरकत की है। उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा मुक्ति दिवस पर इस तरह की हरकत से उन्हें दुख पहुंचा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर देश की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) राजधानी बनेगा क्योंकि यह एक पसंदीदा निवेश गंतव्य है। मुख्यमंत्री ने अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ, मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के अवसर पर स्मारक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और निजाम शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 17 सितंबर को मराठवाड़ा के भारत में एकीकरण और निजाम शासन के अधीन हैदराबाद राज्य के भारत संघ में विलय की वर्षगांठ है।
उप मुख्यमंत्री के काफिले के सामने आत्मदाह की कोशिश
इसी तरह की एक अन्य घटना में बीड जिले में दो युवकों ने खुद पर डीजल छिड़ककर उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के काफिले के सामने कूदकर आत्मदाह करने की कोशिश की। कुबेफल गाँव के 22 वर्षीय विशाल थोरात और 25 वर्षीय शेखर थोरात ने सड़क निर्माण की कथित घटिया गुणवत्ता के बारे में आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। जब इसका जवाब नहीं मिला तो निराश दोनों युवकों ने उप मुख्यमंत्री के काफिले का सामने आत्मदाह की कोशिश की।
RTI के तहत जवाब नहीं मिलने से थे नाराज
शिवाजी नगर पुलिस थाने के निरीक्षक किशोर पवार ने बताया कि केज तहसील के ये युवक पिछले एक साल से आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों का जवाब न मिलने से निराश थे। उन्होंने आगे कहा, “हमने एक शिकायत दर्ज कर ली है और आगे की कार्रवाई जारी है।” इसके अलावा, नांदेड़ में सकल ओबीसी समाज के सदस्यों ने ज़िले के संरक्षक मंत्री अतुल सावे का घेराव करने की योजना बनाई थी। हालाँकि, पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उन्हें उस स्थान पर जाने से रोक दिया जहाँ महाराष्ट्र मुक्ति दिवस समारोह आयोजित किया जा रहा था।
10 संगठनों का हुआ मान मनौव्वल
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक छत्रपति संभाजीनगर के पुलिस आयुक्त प्रवीण पवार ने बताया कि मराठवाड़ा मुक्ति दिवस समारोह को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए, बंजारा समुदाय, मातंग समुदाय और वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानियों सहित कम से कम 10 विभिन्न संगठनों को सरकारी कार्यक्रम के दौरान आंदोलन वापस लेने के लिए राजी किया गया था। उन्होंने बताया, “हमने व्यक्तिगत रूप से लगभग 20 विभिन्न संगठनों से लिखित ज्ञापन एकत्र किए और उन्हें मुख्यमंत्री को सौंप दिया।”
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