
उन्नाव: दिल्ली (Delhi) के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर रविवार (28 दिसंबर) को उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) के दोषी कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) की जमानत के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. काफी संख्या में यहां महिलाएं जुटी हुई हैं. दूसरी ओर कुलदीप सेंगर का समर्थन करने आए लोगों के बीच बहस छिड़ गई है. 2017 के उन्नाव रेप केस की पीड़िता के समर्थन में लोग, दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ जंतर-मंतर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस दौरान कुलदीप सेंगर के समर्थन में एक महिला हाथ में बैनर लेकर पहुंची. इस बैनर पर ‘आई सपोर्ट कुलदीप सेंगर’ लिखा था. इस महिला को देखकर पीड़िता के समर्थन में आए लोगों के बीच बहस छिड़ गई. कुलदीप सेंगर के समर्थन में आई महिला और पीड़िता के समर्थन में आए लोग आपस में बहस करते दिखाई दे रहे हैं. इस पर कुलदीप सेंगर के समर्थन में महिला ने कहा कि रेप पर राजनीति मत करिए. रेप पर राजनीति करना बंद करो. इस पर सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने ‘शर्म करो’ के नारे लगाए.
कुलदीप सिंह सेंगर के समर्थन में आई महिला पुरुष आयोग की सदस्य बताई जा रही है. वहीं योगिता भयाना ने कहा कि मुझे लगता है उन्हें थोड़ा ट्रीटमेंट की जरूरत है. वह मानसिक रूप से मुझे ठीक नहीं लग रही हैं. योगिता ने आगे कहा कि अगर आप रिसर्च करेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि हमारे देश में अधिकतर 90 फीसदी अपराध महिलाओं के विरुद्ध पुरुषों द्वारा होते हैं.
उन्होंने कहा कि मैं हर पुरुष को नहीं बोल रही हूं, लेकिन ज्यादातर यही है. उन्होंने कहा कि अगर इसका उल्टा ले लिया जाए तो जेल में जाकर दिखेगा की 3 से 4 फीसदी महिलाएं ही जेल में सजा काट रही हैं. सबसे ज्यादा वहां पुरुष मिलेंगे. ऐसे में अगर महिलाएं यह कहें कि पुरुषों के साथ गलत किया जा रहा है तो यह मूर्खता ही है. महिला को लेकर उन्होंने कहा कि इन्हें अटेंशन चाहिए इसलिए किसी भी तरह सामने आकर ऐसा कर रही हैं.
जंतर-मंतर पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगातार जारी है. साथ ही वहां पर जमकर हंगामा भी देखने को मिल रहा है. फिलहाल पीड़िता महिलाओं के साथ अपना विरोध जता रही हैं. लगातार कोर्ट से कुलदीप सेंगर की जमानत को खारिज करने की मांग पर अड़ी हुई है. पीड़िता का कहना है कि सभी जज एक जैसे नहीं होते हैं. मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. सुप्रीम कोर्ट मेरे साथ न्याय करेगा.

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