
भोपाल। कृषि कालेज की जमीन प्रशासन द्वारा अधिगृहित करने और ढाई साल से अटके मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षाओं और नतीजे जारी नहीं होने से नाराज युवाओं ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के घेराव की कोशिश की थी। मुख्यमंत्री के पहुंचने के पहले ही पुलिस पहुंची और प्रदर्शनकारी छात्रों पर जमकर लाठियां भांजी। 20 से ज्यादा को गिरफ्तार कर लिया। पिटाई का शिकार हुए युवाओं में अभाविप के पदाधिकारी भी है। इंदौर में हुई पिटाई ने तूल पकड़ लिया है। आठ सितंबर को भोपाल में कृषि कालेज की जमीन और नियुक्तियों के मुद्दों पर बैठक बुला ली है। उम्मीद की जा रही है दोनों विषयों का हल अगले सप्ताह निकल सकता है।
ढाई साल से पीएससी की परीक्षाएं और रिजल्ट अटके हुए हैं। ओबीसी आरक्षण के कोर्ट में लंबित विवाद का हवाला देकर पीएससी इन्हें जारी नहीं कर रहा। 5 सितंबर को हाई कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई होना है। केस में यह अंतिम सुनवाई हो सकती है। 5 से 8 सितंबर के बीच कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। इसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने और रिजल्ट जारी होने का रास्ता भी खुल जाएगा।
कृषि कालेज की 287 एकड़ जमीन जो शहर की प्राइम लोकेशन पर है शासन अधिगृहित कर बिक्री करना चाहती है। छात्र इनका विरोध कर रहे है। मुद्दे पर अभाविप के मैदान में कूदने और शुक्रवार के प्रदर्शन के बाद संगठन का दबाव सरकार पर है। माना जा रहा है कि विरोध को देखते हुए सरकार जमीन लेने के निर्णय पर कदम पीछे खींच सकती है। इस बीच अभाविप इंदौर की ओर से पिटाई कांड में शहर के दो पुलिस अधिकारियों की नामजद शिकायत की गई है। अभाविप के सूत्रों के अनुसार संगठन ने दो पुलिस अधिकारियों अमित तोलानी और जयवीरसिंह भदौरिया पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर दी है। भोपाल से बने दबाव को देखते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई होने की भी पूरी संभावना है।
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