
नई दिल्ली । सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब(Sri Akal Takht Sahib) ने आज पंजाब(Punjab) के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस(Education Minister Harjot Singh Bains) को धार्मिक सजा(Religious punishment) सुनाई। गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सिख परंपरा के विरुद्ध गतिविधियां होने से नाराजगी के बाद सजा का ऐलान किया गया है।
श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश हुए मंत्री बैंस को सजा सुनाई कि वह अभी अमृतसर में गोल्डन टेंपल से गुरु के महल तक पैदल जाएंगे। यहां साफ-सफाई कराएंगे। इसके बाद गुरुद्वारा कोठा साहिब पहुंचने से 100 मीटर पहले उतर जाएंगे। यहां से गुरुद्वारे तक पैदल जाएंगे और रास्ते में साफ-सफाई कराएंगे।
बाद में गुरुद्वारा पातशाही बाबा बकाला साहिब पहुंचने से 100 मीटर पहले उतर जाएंगे और सड़कों को सही कराएंगे। हरजोत सिंह को दिल्ली में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब और श्री आनंदपुर साहिब में शीशगंज साहिब गुरुद्वारे जाना होगा।
दोनों जगह पर नतमस्तक होकर दो दिनों तक जोड़ा घरों में सेवा करनी होगी। साथ ही साथ 1100 रुपए की प्रसाद चढ़ाकर अरदास करवाएंगे। ये सभी गुरुद्वारे श्री गुरु तेग बहादुर जी से संबंधित हैं। जिस कार्यक्रम में सिख इतिहास का उल्लंघन हुआ, उस में खुद मंत्री बैंस मौजूद थे।
बैंस बोले, गलती हुई, मुझे सजा मंजूर है
शिक्षा मंत्री बैंस ने पांच सिंह साहिबानों के सामने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि उन्हें सजा मंजूर है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी सरकार और अपनी ओर से इस घटना के लिए क्षमा चाहता हूं। मुझे उस कार्यक्रम को रोकना चाहिए था। मुझसे गलती हुई। मैं भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहूंगा। मैं सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करता हूं और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रम आयोजित न हों। मुझे यह सजा मंजूर है। मैं इसे पूरी श्रद्धा और निष्ठा से निभाऊंगा और सिख समुदाय की सेवा में हमेशा तत्पर रहूंगा।
शहीदी दिवस पर हुआ था नाच-गाने का कार्यक्रम
गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा 24 जुलाई को श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस कार्यक्रम में नृत्य और गीतों के आयोजन से सिख संगत की भावनाएं आहत हुई थीं, जिसके चलते अकाल तख्त ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और भाषा विभाग के डायरेक्टर सरदार जसवंत सिंह को तलब किया था। कार्यक्रम में लाइव शो करने वाले गायक बीर सिंह ने अगले ही दिन श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होकर सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी।
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