
नई दिल्ली (New Delhi) । कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मानहानि मामले में सूरत मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार सेशंस कोर्ट (sessions court) में चुनौती दे सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सेशंस कोर्ट में याचिका दायर करने के वक्त राहुल भी अपने वकीलों (lawyers) के साथ कोर्ट में मौजूद रहेंगे। मार्च में ही कोर्ट ने उन्हें 2019 के एक मामले में आपराधिक दोषी करार दिया था।
खबर है कि कांग्रेस सांसद और वकील अभिषेक मनु सिंघवी राहुल के इस मामले को देख रहे हैं। वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वरिष्ठ वकील आरएस चीमा को अपील दायर करने की जिम्मेदारी दी गई है। अगर ऊपरी बेंच कांग्रेस नेता पर दिए फैसले को खारिज नहीं करती है, तो उन्हें 8 सालों तक चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के साथ कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी राहुल के साथ सूरत जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि मजिस्ट्रेट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका तैयार है। सोमवार को सूरत सेशंस कोर्ट में दाखिल कर सकते हैं।
इस याचिका में राहुल दोष पर रोक लगाने की भी मांग करेंगे। क्योंकि, सदस्यता बहाल करने के लिए दोष रोक लगना जरूरी है। दरअसल, सूरत की सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद राहुल की लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। लोकसभा सचिवालय ने उन्हें अपना आवास खाली करने का भी नोटिस भेजा है।
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