
नई दिल्ली। वेनेजुएला की विपक्षी नेता (Venezuelan opposition leader) मारिया कोरीना मचाडो (Maria Corina Machado) को इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) मिलने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत (Surendra Rajput) ने उनकी तुलना कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से की है। राजपूत ने संकेत दिया कि जैसे मचाडो को अपने देश में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने पर यह सम्मान मिला है, वैसे ही राहुल गांधी भी भारत में संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
राजपूत ने एक्स पर मचाडो और राहुल गांधी की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “इस बार नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता को संविधान की रक्षा के लिए मिला है। भारत के विपक्ष के नेता राहुल गांधी देश के संविधान को बचाने की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं।”
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने मचाडो को “तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण बदलाव” और “लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता” के लिए यह सम्मान दिया है। पिछले साल हुए चुनावों में धांधली के आरोपों के बाद मचाडो को छिपकर रहना पड़ा, फिर भी वे वेनेजुएला की विपक्ष को एकजुट रखने में सफल रहीं। इस बार का नोबल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता को मिला है संविधान की रक्षा करने के लिये।
वहीं, भारत में कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी मौजूदा एनडीए सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। वे हाल के महीनों में “वोट चोरी”, बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने, ईवीएम हैकिंग, पिछड़े वर्गों के आरक्षण को खत्म करने की साजिश जैसे मुद्दे उठा चुके हैं। इंडिया गठबंधन के गठन के बाद समूचा विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट है। विपक्ष का आरोप है कि देश में बेरोजगारी बढ़ी है, अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है, अल्पसंख्यक और अनुसूचित वर्गों के अधिकारों से समझौता हुआ है और असहमति के स्वर दबाए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने बार-बार कहा है कि भारत में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं और वे इन्हें बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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