
चंडीगढ़ । राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत (Under the ‘Organization Creation Campaign’) 4 जून को (On June 4) हरियाणा कांग्रेस के नेताओं से सीधी बात करेंगे (Will directly talk to Haryana Congress Leaders) । इस बार मुद्दा चुनाव नहीं, संगठन है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता बने राहुल गांधी अब केवल संसद में आवाज नहीं उठा रहे, बल्कि पार्टी के भीतर ज़मीन से जुड़ी नींव को फिर से मज़बूत करने में जुट गए हैं। ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत अब उनकी अगली मंज़िल चंडीगढ़ है, जहां वे हरियाणा कांग्रेस की रीढ़ माने जाने वाले नेताओं से बैठक करेंगे। 4 जून को राहुल गांधी की यह बैठक सिर्फ रस्मी मुलाकात नहीं होगी। वे हरियाणा की ज़मीनी हकीकत, संगठन की वर्तमान स्थिति और आने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर नेताओं से खुलकर बातचीत करेंगे।इस अभियान का मकसद है – “कागज़ी संगठन से निकलकर कर्मठ कार्यकर्ताओं तक पहुंच बनाना।”
हरियाणा कांग्रेस में लंबे समय से गुटबाजी, संवाद की कमी और निचले स्तर पर सक्रियता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। राहुल गांधी अब इसी संवादहीनता को तोड़ने की कोशिश में हैं।सूत्र बताते हैं कि चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में राहुल गांधी केवल वरिष्ठ नेताओं पर नहीं, बल्कि युवा चेहरों, ज़िलाध्यक्षों और सक्रिय जमीनी कार्यकर्ताओं की राय पर भी ध्यान देंगे। हरियाणा में विधानसभा चुनाव ज़्यादा दूर नहीं हैं और पार्टी की मंशा है कि संगठनात्मक ढांचे को वक्त रहते सुधार लिया जाए। इसीलिए राहुल गांधी का यह दौरा सिर्फ “औपचारिकता” नहीं, बल्कि एक “बदलाव की शुरुआत” माना जा रहा है।
राहुल गांधी के इस दौरे को देखने का एक मानवीय पहलू भी है — वे उन कार्यकर्ताओं से जुड़ना चाहते हैं, जिनकी मेहनत अक्सर हाशिए पर चली जाती है। राजनीति में जहां अक्सर चेहरों और भाषणों की चर्चा होती है, राहुल अब ‘सुनने’ और ‘समझने’ की दिशा में बढ़ रहे हैं। 4 जून को चंडीगढ़ सिर्फ राजनीतिक केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि कांग्रेस संगठन के लिए एक नई सोच, नए ढांचे और शायद एक नई दिशा की शुरुआत का दिन बन सकता है।
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