
एक मंत्री की कारगुजारी…
छोटा उदेपुर लाइन अमझेरा में इंदौर-दाहोद रेल लाइन से जोडऩे की कवायद शुरू
इंदौर, अमित जलधारी।
प्रदेश के एक मंत्री की कारगुजारी के चलते रेलवे जंक्शन (Railway Junction) के रूप में विकसित होने वाले धार (Dhar) से जंक्शन का तमगा छीनने की तैयारी कर रहा है। मंत्री ने छोटा उदेपुर-धार रेल लाइन को धार के बजाय अमझेरा (Amjhera) में इंदौर-दाहोद रेल लाइन (Indore-Dahod Rail Line) से मिलाने की कवायद शुरू की गई है। अपने समर्थक मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव (Rajvardhan Singh Dattigaon) के इस प्रस्ताव पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia) ने सहमति जता दी है, जिसके चलते इसकी फिजिबिलिटी जांच शुरू हो गई है और जो छोटा उदेपुर (Chhota Udepur) रेल लाइन आलीराजपुर, जोबट और टांडा रोड होते हुए धार तक बिछाई जाना थी, उसे अब टांडा रोड से अमझेरा की तरफ मोडऩे को लेकर कवायद शुरू हो गई है। यहां तक कि धार में जो रेलवे जंक्शन की तैयारी की जा रही थी, उसके लिए जमीन अधिग्रहण जैसे प्रस्ताव भी रोक दिए गए हैं। यदि यह जंक्शन बन जाता तो मालवा क्षेत्र के धार का भी विकास बुलंद हो जाता, लेकिन बदनावर के उस मंत्री ने इसमें भांजी मार दी, जो कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों रेल मंत्रालय से इस संबंध में पश्चिम रेलवे को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं कि वह टांडा रोड से अमझेरा तक प्रस्तावित रेल मार्ग का सर्वे करे। इस बदलाव के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि टांडा रोड से धार के बीच रेल लाइन बिछाने में बड़े-बड़े पहाड़ और दुर्गम क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने में काफी समय खप जाएगा। इस पर रेलवे को करोड़ों रुपए खर्च करना पड़ेंगे, जबकि रेल लाइन टांडा रोड से अमझेरा की तरफ बिछाई जाएगी, तो इससे समय भी बचेगा और कम खर्च में रेल लाइन बिछ जाएगी। यदि सर्वे के बाद बदलाव को रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलती है, तो भविष्य में धार के बजाय अमझेरा नए रेलवे जंक्शन के रूप में विकसित होगा।
पहले इंदौर-दाहोद लाइन भी नहीं जाना थी अमझेरा
पहले इंदौर-दाहोद रेल लाइन भी अमझेरा होकर नहीं बिछाई जाना थी, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज बार-बार यह मामला तत्कालीन रेल मंत्री लालूप्रसाद यादव के समक्ष उठाया करती थीं। बताया जाता है कि एक बार यादव ने स्वराज से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि अमझेरा मेरा ननिहाल है और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसीलिए मैं चाहती हूं कि दाहोद लाइन अमझेरा होकर गुजरे। तब लालू यादव के निर्देश पर इंदौर-दाहोद रेल लाइन को अमझेरा होकर गुजारने का फैसला लिया गया। इससे प्रोजेक्ट की लंबाई बढक़र 205 किमी हो गई।
प्रदेश के मंत्री से केंद्रीय मंत्री के पास पहुंची चिट्ठी
ठ्ठ यह सारी उठापटक इसलिए हो रही है, क्योंकि प्रदेश के उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक चिट्ठी लिखकर छोटा उदेपुर-धार रेल लाइन को धार के बजाय अमझेरा में इंदौर-दाहोद रेल लाइन से मिलाने की पैरोकारी की है। उन्होंने मंत्री को कहा है कि पहले यह रेल लाइन अमझेरा में ही मिलना थी, लेकिन तब अमझेरा को ज्यादा ऊंचाई वाला क्षेत्र बताकर यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था। मंत्री ने कहा है कि यदि रेल लाइन टांडा से लालगढ़, ग्वाल मगरी होते हुए अमझेरा तक रेल जाए, तो बीच में केवल एक पहाड़ काटना पड़ेगा और एक कम ऊंचाई की ढलान को समतल करना पड़ेगा। इस मार्ग में कहीं न तो मोड़ आएगा, न ही सुरंग या
नए मेजर ब्रिज बनाने की जरूरत होगी।
– अमझेरा तक रेल लाइन ले जाने से रेल मार्ग की दूरी 30 किलोमीटर तक कम होने की बात भी मंत्री ने कही है। उन्होंने तर्क दिया है कि चूंकि अमझेरा से धार के बीच पहले से इंदौर-दाहोद रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव है, इसलिए छोटा उदेपुर रेल लाइन के लिए टांडा से धार के बीच अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे रेलवे के 500-600 करोड़ रुपए की बचत होगी।
– दत्तीगांव ने तर्क दिया है कि वर्तमान में टांडा रोड से धार के बीच जहां रेल लाइन बिछना है। वहां घना जंगल, रिजर्व फॉरेस्ट, नदी-नाले, ढलान और पहाडिय़ां हैं। वहां हजारों की संख्या में पेड़ काटना पड़ेंगे। इससे वन्य जीव-जंतु, समय और पैसा सब नष्ट होगा। यदि लाइन को टांडा रोड से अमझेरा की तरफ मोड़ा जाएगा, तो वहां बंजर, समतल और पेड़विहीन जमीनें हैं।
– पश्चिम रेलवे खुद भी इसका सर्वे कर मान चुका है कि धार के बजाय अमझेरा को जंक्शन बनाया जाएगा, तो भारत सरकार का समय और धन, दोनों बचेगा।
– मंत्री ने कहा है कि अमझेरा से आठ किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर हातोद गांव में मप्र सरकार ने नया औद्योगिक क्षेत्र बनाया है। अमझेरा में अल्ट्राटेक और सागर सीमेंट के प्लांट हैं।
– तर्क दिया गया है कि अमझेरा ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व होने के साथ क्रांतिवीरों की जन्मस्थली है। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अमझेरा रियासत के राजा महाराज बख्तावरसिंह राठौड़ ने अंग्रेजों की नींद हराम कर दी थी। बाद में उन्हें फांसी दे दी गई। अमझेरा प्राचीन हिंदू और जैन तीर्थ भी है, जहां हजारों लोग आते हैं।
– प्रदेश के मंत्री की चिट्ठी केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भेजते हुए उनसे आग्रह किया कि इस संबंध में वे नियमानुसार उचित कार्रवाई करें और अवगत कराएं। इसी के बाद रेलवे बोर्ड से बदलाव की यह कवायद शुरू की गई है।
धार में रोका जमीन अधिग्रहण, कहीं धीमा किया
रेलवे बोर्ड के निर्देश के बाद हाल ही में पश्चिम रेलवे ने धार जिला प्रशासन को कहा है कि वह फिलहाल जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया धीमी गति से होने दे। कुछ जगह जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया रोकी भी गई है। सूत्रों ने बताया कि गंधवानी और धार तहसील में रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया धीमी करने को कहा गया है, साथ ही गंधवानी के लालगढ़ गांव की 6.44 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया को फिलहाल निरस्त कर दिया गया है।
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