
भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले कई दिनों से जारी बारिश, आंधी और गरज-चमक का सिलसिला अब खत्म होने वाला है। मौसम विभाग (Meteorological Department) का कहना है कि अगले पांच दिनों तक आसमान साफ रहेगा और बारिश की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे ठंड बढ़ने लगेगी। मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार, आने वाले दिनों में रात का पारा 2 से 3 डिग्री तक लुढ़क सकता है। ठंड का सबसे ज्यादा असर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में देखने को मिलेगा, जहां उत्तरी हवाओं का प्रभाव पहले महसूस होगा।
मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है, जिसका असर अगले 48 घंटों में मध्यप्रदेश पर भी पड़ेगा। उत्तरी जिलों-ग्वालियर, चंबल, नीमच, मंदसौर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा और शाजापुर में तापमान तेजी से गिरेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ओर से नमी आई थी, जिसके चलते बादल छाए रहे और दिन का तापमान नहीं बढ़ पाया। इस वक्त हरियाणा के पास बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन ठंडी हवाओं को राज्य में प्रवेश करने से रोक रहा है। अगले 24 घंटों में यह सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) में समाहित हो जाएगा, जिसके बाद ठंड तेजी से बढ़ने लगेगी।
पिछले 24 घंटे में श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, सागर, बैतूल, छतरपुर और छिंदवाड़ा में हल्की बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान में गिरावट आई है। नरसिंहपुर में पारा एक रात में 5.4 डिग्री गिरकर 17.2 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं, भोपाल में न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री, इंदौर में 18.2 डिग्री और ग्वालियर में 20.1 डिग्री रहा।पचमढ़ी दिन के समय सबसे ठंडा रहा, जहां अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में औसतन 2.8 इंच बारिश हुई, जो सामान्य से 121% अधिक है। इस बार नवंबर में भी ठंड के साथ बारिश की संभावना जताई जा रही है। भोपाल में 30 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 24 डिग्री रहा, जो पिछले 25 वर्षों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन था।
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