
इंदौर। नगर निगम का दावा है कि उसने अभी चल रहे जल संरक्षण अभियान के तहत 1 लाख 40 हजार घरों की छतों से बारिश का पानी जमीन में उतारने की तैयारी कर ली है और 1500 स्क्वेयर फीट से अधिक के मकानों में आरडब्ल्यूएच संरचना स्थापित करना भी अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा खेत, तालाब, बावड़ी, कुएं, जीर्णोद्धार सहित अमृत सरोवर का काम भी जिले में चल रहा है और 43 ग्राम पंचायतों में तालाब गहरीकरण का कार्य भी जारी है। अभी नगर निगम वॉटर रिचार्जिंग के लिए लगातार अभियान चला रहा है।
जल शक्ति अभियान के संयुक्त सचिव श्री कुणाल की अध्यक्षता में कल इंदौर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित जल संरक्षण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में श्री कुणाल ने कहा कि भूजल संपदा का संरक्षण और संवर्धन वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। इंदौर में इस दिशा में किए जा रहे प्रयास प्रभावी और सराहनीय हैं। श्री कुणाल ने वृक्षारोपण को जन-आंदोलन बनाने, जैव विविधता पर विशेष फोकस रखने और युवाओं को सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम से जोडऩे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं के विकास की भी आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना की राशि का उपयोग इन सुविधाओं के विकास हेतु किया जा सकता है, और इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम के अपर आयुक्त श्री रोहित सिसोनिया, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन, वनमण्डलाधिकारी प्रदीप मिश्रा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री सुनील कुमार उदिया, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। नगर निगम के अपर आयुक्त सिसोनिया ने बताया कि इंदौर शहर में भूजल व सतही जल के संरक्षण के लिए कैच द रेन अभियान चलाया जा रहा है। शहर में रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, पुराने कुएं और बावडिय़ों के जीर्णोद्धार के कार्य प्रमुखता से किये जा रहे हैं।
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