रायसेन। बाढ़ के चलते एक टापू पर फंसे इंजीनियर को बचाने के लिए गांव के सरपंच ने उफनती तेंदुनी नदी में अपनी कार डाल दी। सरपंच कार समेत नदी में बह गया और उसकी मौत हो गई। वहीं, टापू पर फंसे इंजीनियर को रविवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने सकुशल निकाल लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को तेज बारिश के चलते जिले के बाघ पिपरिया के पास ग्वालियर का एक इंजीनियर राजीव माने एक टापू पर फंस गया। यह बात जब सिमरोल पंचायत के सरपंच दर्शनसिंह को पता चली, तो शराब के नशे में सरपंच ने लोगों के मना करने के बावजूद अपनी अल्टो कार तेंदुनी नदी में डाल दी। थोड़ा सा आगे बढ़ने पर ही कार तेज बहाव में बह गई। घटना शनिवार रात करीब 10.30 बजे की है। रविवार सुबह एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने रात भर से टापू पर फंसे इंजीनियर को सुरक्षित बचा लिया। इसके बाद दल ने बाढ़ के पानी में बही कार को भी रस्सी से बांधकर निकाल लिया। कार के अंदर सरपंच का शव मिला। कार को खींचने के लिए ट्रैक्टर की मदद लेना पड़ी।
नर्मदा किनारे के गांवों घुसा पानी, मांगे हेलीकॉप्टर
नर्मदा पट्टी में बाढ़ से 50-60 गांवों में पानी भर गया है और लोगों ने ऊंचाई वाली जगहों और टपरों में पनाह ली है। रायसेन प्रशासन ने बचाव के लिए सेना और हेलीकॉप्टर की मदद मांगी है। सेना और हेलीकॉप्टर का दल भी आ चुका है, जो राहत और बचाव कार्य में जुट गया है। रायसेन जिले के बाड़ी, बरेली, उदयपुरा, देवरी सहित नर्मदा पट्टी के गांवों में बाढ़ से ज्यादा हालत खराब है। यहां पर अब तक 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल कर स्कूल और पंचायत भवनों में ठहराया गया है।