
जयपुर: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने कैब (Cab) और आर्किटेक्चर सेवाओं (Architectural Services) को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला लिया है. राज्य में राजस्थान मोटर वाहन एग्रीगेटर (Motor Vehicle Aggregators) नियम 2025 आधिकारिक रूप से लागू हो गये हैं. परिवहन विभाग (Transport Department) की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी होते ही OLA, Uber, Rapido जैसे कैब प्लेटफॉर्म और स्टेज स्टेज पर स्पष्ट कलाकारों के अनुभव आ गए हैं. सरकार का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक अधिकार को मजबूत करना है.
नए नियमों के अनुसारअब राजस्थान में कैब से सफर करने वाले हर यात्री का 5 लाख रुपये का बीमा जरूरी कर दिया गया है. किसी भी दुर्घटना या अनहोनी की स्थिति में यह बीमा यात्रियों को आर्थिक सुरक्षा देगा. इसके अलावा सभी कैब वाहनों में पैनिक बटन और GPS आधारित लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाना जरूरी होगा, जिससे इमरजेंसी में तुरंत मदद मिल सके.
सरकार ने कैब चालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक सुरक्षा से जुड़े नियम भी सख्त किए हैं. अब कैब कंपनियों को अपने हर ड्राइवर का 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कराना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही चालकों के लिए 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस भी जरूरी किया गया है, ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवार को आर्थिक सहारा मिल सके.
यात्रियों की सुविधा और जवाबदेही तय करने के लिए कैब बुकिंग कैंसिल करने पर भी नियम बनाए गए हैं. यदि कैब बुक होने के बाद उसे रद्द किया जाता है, तो 100 रुपये तक की पेनल्टी लगाई जा सकेगी. इससे अनावश्यक कैंसिलेशन पर रोक लगेगी और सेवा की विश्वसनीयता बढ़ेगी.
राज्य में काम कर रही सभी कैब और डिलीवरी कंपनियों को 15 दिनों के अंदर परिवहन विभाग से लाइसेंस लेना जरुरी होगा. बिना लाइसेंस संचालन करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. परिवहन आयुक्त ने इन नियमों को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए हैं. महज सात दिनों में नियम लागू कर प्रशासनिक सख्ती का संदेश दिया गया है. सरकार का कहना है कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा, चालकों के अधिकार और कैब सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए बेहद अहम साबित होगा.
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