img-fluid

Rajasthan: अजमेर दरगाह मामले में आज सुनवाई, तीन पक्षकार नोटिस का जवाब दाखिल कर सकते हैं

December 20, 2024

अजमेर. राजस्थान (Rajasthan) स्थित अजमेर (Ajmer) शरीफ दरगाह (Sharif Dargah) को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. इस सुनवाई के दौरान अदालत में मामले में तीन पक्षकार दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) नोटिस पर जवाब दाखिल कर सकता है. विष्णु गुप्ता के वाद पर कोर्ट ने तीन पक्षकारों को नोटिस जारी किया था.

दरअसल, हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया था. उन्होंने अपनी इस याचिका में रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी एक किताब अजमेर हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला दिया है.


अदालत ने जारी किया था नोटिस
उनकी इस याचिका पर अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने 27 नवम्बर को सुनवाई योग्य मानते हुए दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. और सभी पक्षकारों को अगली सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया था.

वहीं, पूरे मामले में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी और दरगाह दीवान को मामले से दूर रखा गया है. अब दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती पूरे मामले दरगाह दीवान के पक्ष की ओर से पक्षकार बनने की अर्जी दाखिल करेंगे.

अदालत में दायर करेंगे अर्जी
सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बताया कि शुक्रवार को वह अपने वकीलों के माध्यम से पक्षकार बनने की अर्जी कोर्ट में लगाएंगे और पूरे मामले में वकीलों के माध्यम से अपना पक्ष रखेंगे. साथ ही खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का कहना है कि शुक्रवार को विभागों के द्वारा कोर्ट में अपना जवाब पेश करने के बाद वह अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे, लेकिन शुक्रवार को कोर्ट की कार्यवाही के दौरान अंजुमन कमेटी के वकील कोर्ट में मौजूद रहेंगे.

हमें न्याय पर है पूरा विश्वास
वहीं, अजमेर में हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा कि हमें न्याय पर पूरा विश्वास है और दस्तावेजों के साथ हम अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट इस मामले में लागू नहीं होता और हमारे अधिवक्ता अपना पूरा पक्ष इस मामले में रखेंगे.

उन्होंने कहा कि 1200 ई. में यहां शिव मंदिर हुआ करता था, जिससे मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा तोड़कर मजार बनाने का दावा किया. दरगाह केवल मजार है और यह किसी धार्मिक स्थल की श्रेणी में नहीं आती जो पूजा के स्थान होते हैं, वहां वरशिप एक्ट में लागू होगा.

हिन्दू सेना के दावे के बाद सनातन धर्म रक्षा संघ ने भी विष्णु गुप्ता का समर्थन किया है. सनातन धर्म रक्षा संघ के सदस्य रिटायर्ड जज अजय शर्मा ने कहा कि विष्णु गुप्ता का वह समर्थन करेंगे और उन्हे किसी भी तरह की कानूनी सलाह की आवश्यकता होगी तो वह उपलब्ध करवाएंगे.

 

Share:

  • मास्को : डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण से पूर्व पुतिन का बड़ा बयान, बोले- यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म करने के लिए बिना शर्त तैयार हूं

    Fri Dec 20 , 2024
    मास्को . रूसी राष्ट्रपति (President) व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि वह युद्ध (war) समाप्त करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ संभावित वार्ता में यूक्रेन (Ukraine) पर समझौता करने के लिए तैयार हैं. गौर करने वाली बात ये है कि पुतिन ने कहा है कि यूक्रेनी अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved