
नागौर (Nagaur) । राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति (Politics of Rajasthan) में एक कहावत चरितार्थ हो रही है- हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और, यानि सियासी दावंपेंच में जो दिख रहा है, वो असल में वैसा नहीं है. यही वजह है बीजेपी हो या कांग्रेस (BJP and Congress) या फिर अन्य दलों के नेता वे परस्पर मिलीभगत आरोप लगा रहे हैं. मिलीभगत का ताजा निशाना कांग्रेस से बीजेपी में आई ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) ने सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) पर साधा है.
बीजेपी नेता ने साफ कहा कि गहलोत आने वाले विधानसभा चुनावों में सचिन पायलट के गुट के लोगों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि हरीश चौधरी, दिव्या मदरेणा आदि के विरुद्ध भी आरएलपी के उम्मीदवार खड़े करवाएंगे ताकि उन्हें हरवाया जा सके.
गहलोत और बेनीवाल में चुनाव के लिए गठजोड़- ज्योति
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल के बीच मिलीभगत का खेल चल रहा है. असल में गहलोत ने ही आरएलपी को खड़ा करके इसको आगे बढ़ाया और अब भी बढ़ा रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि डीएमएफटी फंड का जितना पैसा सीएम के नजदीकी नावां विधायक महेंद्र चौधरी को मिला है, उतना ही 22 करोड़ रुपये का बजट खींवसर में हनुमान बेनीवाल के भाई को अलॉट हुआ है. यह सब बता देता है कि इसके पीछे वास्तव में कौन नेता हैं? ऐसे एक नहीं कई उदाहरण हैं. उनकी मिलीभगत अब किसी से छिपी हुई बात नहीं है.
कांग्रेस में विरोधी नेताओं को ऐसे हरवाएंगे मुख्यमंत्री
इसके अलावा करीब तीन सौ से ज्यादा ऐसी फाइलें हैं, जिनकी हनुमान बेनीवाल के कहने से जांच बदलवाई गई है. बिना सीएम के इशारे के ऐसा संभव नहीं है. सरकार बदलने पर हम इन फाइलों की जांच करवाएंगे कि किसके कहने पर, क्या जांच बदलवाई गई? उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी गारंटी है कि सीएम और हनुमान बेनीवाल की पक्की मिलीभगत है. यही वजह है कि कई जगह आरएलपी के जरिए ऐसे उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे, ताकि सीएम के विरोधी गुट के कांग्रेस के कुछ नेताओं को हराया जा सके. जब टिकट डिस्ट्रीब्यूशन होगा तो सब साफ हो जाएगा कि कहां पर क्या गेम चल रहा है?
गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ को प्रमाणित – बेनीवाल
इससे पहले बीकानेर के लूणकरणसर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने किसान महापंचायत साफ कहा था कि कांग्रेस और बीजेपी (BJP) में आंतरिक गठजोड़ है. पिछले 15 साल से वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के बीच मिलीभगत का खेल चल रहा है. खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर चुके हैं राजे ने ही उनकी सरकार बचाई थी. बेनीवाल ने कहा कि सीएम की यह बात गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ को प्रमाणित करती है. उन्होंने दोनों दलों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में प्रदेश की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी.
वसुंधरा को तो बहन मानते हैं सीएम – केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान में एक रैली में वसुंधरा-गहलोत की केमिस्ट्री को लेकर बड़ा हमला किया था. उन्होंने कहा कि दोनों ही नेता अंदर से एक हैं. जब भी गहलोत पर कोई संकट आता है, तो वसुंधरा उसके लिए पूरी भाजपा को खड़ा कर देती है. ठीक ऐसे ही जब वसुंधरा पर संकट आता है तो, गहलोत पूरी कांग्रेस की ताकत उनके पीछे लगा देते हैं. हालात यह है कि सचिन पायलट भ्रष्टाचार के चलते राजे को गिरफ्तार करने के लिए कहते रहे, लेकिन सीएम गहलोत ने कहा कि मैं उन्हें गिरफ्तार नहीं करूंगा, वह मेरी बहन की तरह हैं. दोनों ही जनता के साथ छलावा करते हुए राजस्थान पर राज करते हैं.
वसुंधरा राजे से मिले हुए हैं अशोक गहलोत
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आजकल शांत नजर आ रहे हैं, लेकिन यह भी सही है कि पायलट जब गहलोत पर हमलावर थे तो उन्होंने भी आरोप लगाया था कि सीएम राजे से मिले हुए हैं. पायलट ने तब कहा कि हमने ही जनता के बीच जाकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठाई थी. अगर हम भ्रष्टाचार के मामलों की जांच नहीं कराएंगे तो जनता को क्या यह साफ-साफ नहीं लगेगा कि सरकार के मुखिया ही वसुंधरा राजे से मिले हुए हैं. विपक्षी लोग भी इसे मुद्दा बना सकते हैं कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है. ऐसे में हम कांग्रेसी नेता किस मुंह से चुनाव में जनता के सामने जाएंगे.
मिलीभगत के आरोपों में जरा भी सच्चाई नहीं- सीएम
हालांकि, सीएम गहलोत मिलीभगत के इन आरोपों को सिरे से ही नकार चुके हैं. उनका दावा है कि इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि लोग कहते हैं मैं और वसुंधरा मिले हुए हैं. कहां मिले हुए हैं? हमारी सरकार के काम को तो वो बंद कर देती हैं. मैंने अपने पिछले कार्यकाल में कई विश्वविद्यालय खोले और रिफाइनरी का काम शुरू किया, लेकिन वसुंधरा ने इन्हें बंद कर दिया. ऐसे और भी कामों को रोकने के लिए इसमें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उनका साथ दिया.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved