
जोधपुर: राजस्थान (Rajasthan) में डॉक्टरों (Doctors) और पुलिस (Police) की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. राजस्थान पुलिस ने एक मुस्लिम युवक (Muslim Youth) का दाह संस्कार (Cremation) करा दिया, जबकि मृतक युवक को सुपुर्द-ए-खाक किया जाना था. मामला राजस्थान के जोधपुर का है. यहां कोतवाली थानान्तर्गत गुलाब सागर में एक युवक का शव मिला था. मृतक की गुमशुदगी दर्ज थी, लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने शव को लावारिस माना और उसका दाह संस्कार करवा दिया.
डीएनए जांच में मृतक की शिनाख्त की हुई. दाह संस्कार किए जाने का पता चलने के बाद मृतक के परिजन आहत हैं. मृतक की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक की शिनाख्त चिमनपुरा गली-4 के रहनी वाली मल्का के बेटे इस्माइल (20) के रूप में की गई है. इस्माइल 17 जून को घर से निकला था. इसके बाद वो घर नहीं लौटा. परिजनों ने 20 जून को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सदर बाजार थाने में दर्ज कराई थी.
इसके तीन दिन बाद 21 जून को गुलाब सागर में पुलिस को युवक का शव मिला था. सदर कोतवाली थाना पुलिस ने शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था. फिर पुलिस ने शव को लावारिस मानते हुए 25 जून को उसका दाह संंस्कार करा दिया था. डीएनए जांच के लिए मृतक के खून का सेंपल लेकर सुरक्षित रखवाया गया था.
मृतक की भाभी को 26 जून को मालूम चला कि उसके देवर का शव गुलाब सागर में मिला था और पुलिस ने उसका दाह संस्कार करा दिया. इसके बाद मृतक के परिजन गुलाब सागर पहुंचे और 21 जून को जलाशय में शव मिलने के फुटेज और फोटो देखे, जिसके बाद उनको अंदेशा हुआ कि शव इस्माइल का था.
मृतक के दाह संस्कार के तीसरे दिन उसके परिजन पुलिस के पास पहुंचे और पूरे मामले के बारे में बताया. इसके बाद पुलिस ने डीएनए जांच कराने का फैसला किया. मृतक की मां के खून का सेंपल लिया गया. फिर मृतक और उसकी मां मल्का के खून को एफएसएल भेजा गया. इसके बाद जांच में पता चला कि शव इस्माइल का था. ये पता चलते ही उसकी मां रोने लगी.
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