
जयपुर । राजस्थान राज्य ओबीसी आयोग (Rajasthan State OBC Commission) 22 दिसंबर से 3 जनवरी तक (From 22 December to 3 January) जिला स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा आयोजित करेगा (Will organize district level Public Dialogue and Discussion) ।
राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनीतिक प्रतिनिधित्व) आयोग के जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी दिसंबर माह में 22 को जैसलमेर और फलौदी, 23 को बाड़मेर और बालोतरा, 24 को जालौर और सिरोही, 29 को गंगानगर और हनुमानगढ, 30 को पाली में एवं आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी एवं सदस्य गोपाल कृष्ण शर्मा संयुक्त रूप से 26 को डीडवाना -कुचामन-नागौर और 31 दिसम्बर को ब्यावर और भीलवाडा में जनसंवाद करेंगे। जारी कार्यक्रम के अनुसार आयोग के सदस्य प्रो. राजीव सक्सेना एवं सदस्य गोपाल कृष्ण शर्मा संयुक्त रूप से दिसंबर माह में 22 को दौसा और डीग, 23 को धौलपुर व करौली में जनसंवाद करेंगे। आयोग के सदस्य श्री मोहन मोरवाल, श्री पवन मंडाविया संयुक्त रूप से दिसंबर माह में 22 को चित्तोडगढ़ और राजसमंद, 23 को प्रतापगढ और बांसवाडा, 24 को डूंगरपुर और संलुम्बर में जनसंवाद करेंगे।
आयोग के सदस्य मोहन मोरवाल दिसंबर माह में 26 को टोंक व सवाई माधोपुर में जनसंवाद करेंगे। आयोग के सदस्य गोपाल कृष्ण शर्मा और पवन मंडाविया संयुक्त रूप से दिसंबर माह में 29 को झून्झूनू और चुरू एवं 30 को सीकर व कोटपूतली-बहरोड़ में जनसंवाद कार्यक्रम करेंगे। आयोग के सदस्य प्रो. राजीव सक्सेना एवं मोहन मोरवाल संयुक्त रूप से में 30 दिसंबर को अलवर-खैरथल, 2 जनवरी को झालावाड़ व 3 जनवरी को बांरा-बूंदी में जनसंवाद कार्यक्रम में भाग लेंगे।
गौरतलब है कि आयोग इससे पूर्व सातों संभागों में संभाग स्तरीय जनसंवाद कार्यक्रम कर चुका हैं। जिला स्तरीय जनसंवाद कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोग ने समस्त जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षकों को व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। आयोग जनसंवाद/परिचर्चा कार्यक्रम में संबंधित जिले के वर्तमान व पूर्व सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, पंचायत समिति प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम सदस्य एवं अध्यक्ष, बार काउंसिल सदस्य, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद एवं नगरीय निकायों के अधिशाषी अधिकारी सहित अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़े पदाधिकारी तथा आमजन के साथ प्रत्यक्ष संवाद करेगा।
आयोग द्वारा वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधियों, पंचायत राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही सांसदों एवं विधायकों को जनसुनवाई में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया गया है। आयोग संबंधित हितधारकों से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई कर आवश्यक प्राथमिक टिप्पणियां एवं सुझाव लेगा। आयोग द्वारा संवाद कार्यक्रम से जुड़ी प्रशासनिक व्यवस्थाएं एवं जनसुनवाई के सुचारू संचालन के लिए जिला प्रशासन को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश प्रदान किए गए हैं। जनसंवाद के दौरान आयोग अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर हितधारको के साथ विचार विमर्श,चर्चा करेगा एवं आमजन के सुझाव प्राप्त करेगा।
आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी ने कहा कि राज्य में अन्य पिछडा वर्ग का अनुभवजन्य तरीके से अध्ययन करने के लिए आयोग ने सभी संभाग मुख्यालयों पर आयोजित हुई जनसुनवाई के बाद तय किया है कि शेष समस्त जिला मुख्यालयों पर पहुँचकर इस विषय में जनसुनवाई हेतु कार्यक्रम आयोजित किये जाएं जिसमें आम जनता, राजनीतिक व्यक्ति, हितबद्ध व्यक्ति एवं संस्थाओं के विचार जानने हेतु उनसे चर्चा की जाए और यदि कोई व्यक्ति / संस्था इस संबंध में अभ्यावेदन प्रस्तुत करना चाहे तो उसे लिया जाए। आयोग प्रदेश के अन्य पिछड़े वर्गों के समग्र उत्थान एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आयोग का प्रयास रहेगा कि वह पूर्ण पारदर्शिता के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के हर वर्ग का विश्लेषण कर शीघ्र ही आरक्षण का नवीन प्रावधान तय करे। वर्तमान परिदृश्य में पिछड़े वर्गों के संरक्षण, कल्याण और सामाजिक-आर्थिक, विकास के लिए उन रक्षोपायों का प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक हैं। आयोग पंचायती राज और शहरी निकायों में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने का नवीन फार्मूला तय कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में नवीन आरक्षण लागू कर चुनाव करवाया जाएगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved