
जयपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Former Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा कि राजस्थान की भजनलाल सरकार (Rajasthan’s Bhajanlal Government) ने 701 निजी अस्पतालों को 7 महीने से (To 701 Private Hospitals for 7 Months) 980 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया (Has not paid Rs. 980 Crore) ।
अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों को बकाया भुगतान नहीं किए जाने और अस्पतालों द्वारा 15 जुलाई से इलाज बंद करने की घोषणा को लेकर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सरकार की तीखी आलोचना की । गहलोत ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा— “राजस्थान के निजी अस्पतालों की यूनियन द्वारा अखबारों में विज्ञापन देकर 15 जुलाई से राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज बंद करने की घोषणा की गई है। इसका कारण बताया गया है कि 701 निजी अस्पतालों को 7 महीने से 980 करोड़ रुपए का भुगतान भाजपा सरकार द्वारा नहीं किया गया है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार का प्रबंधन बुरी तरह से विफल हो चुका है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि – “हर महीने सरकारी कर्मचारियों के वेतन से राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना के लिए कटौती होती है, लेकिन अस्पतालों को इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। एक जनहित की बेहतरीन योजना को भाजपा सरकार बर्बाद करने पर आमादा है।” गहलोत ने इस पूरे प्रकरण को लाखों सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिजनों से सीधे जुड़ा मसला बताया और राज्य सरकार से अपील की कि वह तत्काल इसका समाधान निकाले। उन्होंने कहा कि – “सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि योजना बाधित न हो और नागरिकों को अनावश्यक मानसिक व आर्थिक पीड़ा से बचाया जाए।”
राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही एक व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसके तहत राजकीय और पंजीकृत निजी अस्पतालों में सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत प्रत्येक माह कर्मचारियों के वेतन से एक निर्धारित राशि कटौती की जाती है, लेकिन हाल ही में कई प्राइवेट अस्पतालों ने लंबित भुगतानों का हवाला देते हुए योजना से हाथ खींचने की चेतावनी दी है। राजस्थान एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 15 जुलाई 2025 से वे राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के तहत इलाज बंद कर देंगे यदि भुगतान नहीं किया गया।
यह मुद्दा अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने जहां इसे भाजपा सरकार की विफलता बताया है, वहीं भाजपा ने अब तक इस पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा राज्य की सियासत में गर्मी ला सकता है, खासकर तब जब सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स इस व्यवस्था पर सीधे निर्भर हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बीच जनता में असमंजस और चिंता का माहौल है। यदि वास्तव में अस्पतालों द्वारा 15 जुलाई से राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के तहत सेवाएं रोक दी जाती हैं, तो हज़ारों सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के इलाज पर संकट खड़ा हो सकता है। राज्य सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक बयान या समाधान योजना सार्वजनिक नहीं की गई है।
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