
इंदौर के गौरवशाली इतिहास के लिए स्कूली बच्चों को भी इससे जोडग़ा अब विभाग, शाम को हिंदी और अंग्रेजी के दो शो…
इन्दौर। इंदौर (Indore) के राजबाड़ा (Rajbada) पर चलने वाले लाइट एंड साउंड शो (light and sound show) के जरिए पर्यटन विभाग (Tourism Department) को अब बेहतर कमाई हो रही है। हर महीने की औसत कमाई बीते साल की तुलना में बढक़र एक लाख हुई है। अब विभाग स्कूली बच्चों के लिए भी विशेष शो करेगा, ताकि बच्चे इंदौर के गौरवशाली इतिहास को जान सके। मार्च 2023 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने राजबाड़ा में लाइट एंड साउंड शो शुरू किया था।
राजबाड़ा के जीर्णोद्धार के कुछ ही महीनों बाद विभाग ने हिंदी और अंग्रेजी में दो शो शाम को यहां शुरू किए थे। पहले थोड़ी परेशानी आ रही थी। वहीं, इसे शुरुआत में ज्यादा देखने वाले भी नहीं मिले, लेकिन अब बीते एक साल में विभाग की इससे होने वाली कमाई हर महीने औसतन एक लाख के करीब पहुंची है। विभाग से मिले आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक शो से विभाग को 12 लाख 60 हजार रुपए की कमाई हुई थी, जो अप्रैल 2024 से मई 2025 तक 15 लाख के पार हो गई है। यानी बीते साल के मुकाबले इस साल औसतन विभाग को हर महीने एक लाख से ज्यादा मिले है। शो को देखने वालों में बाहरी पर्यटक और विदेशी पर्यटक भी शामिल है। राजबाड़ा बंद होने और हल्का अंधेरा होने पर शाम के समय दो शो चलाए जाते है। बड़ों के लिए टिकट 150 रूपए और बच्चों के लिए 75 रूपए है। उल्लेखनीय है कि विभाग ने 3 करोड़ खर्च करके अमिताभ बच्चन की आवाज में इंदौर के इतिहास हिंदी और अंग्रेजी में तैयार करवाया था।
शुरुआती परेशानियों को सुधारा
विभाग के लाइट एंड साउंड शो को लेकर शुरुआत में काफी शिकायतें आई थीं। पर्यटकों ने लिखा था कि स्क्रीन पर नजारे साफ नहीं दिखते, क्योंकि ये सपाट दीवार पर नहीं चलाया जा रहा। विभाग ने इसपर काम करते हुए 2016 से चल रहे 5000 ल्यूमेन के प्रोजेक्टर को बदलकर 20000 ल्यूमेन का लगाया। इससे पिक्चर साफ ना होने की शिकायतें दूर हुई है। साउंड पर भी काम किया है, लेकिन अभी भी पर्यटकों को खुले में बैठना होता है, जिस कारण तेज बारिश में शो बंद होता है। बारिश में इससे लैंस के खराब होने का भी डर है। विभाग ने अब टिकट काउंटर लगातार कम्प्यूटर प्रिंट टिकट देना भी शुरू किया है।
स्कूल के बच्चों को जोड़ेंगे
‘फीडबैक के बाद कई व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है। अब हम कोशिश कर रहे हैं कि निजी और शासकीय स्कूल के बच्चों को इसे देखने के लिए बुलाया जाए, ताकि वे इंदौर के इस गौरवशाली इतिहास को जान सके। इसके लिए कुछ स्कूलों से बात करने के प्रयास शुरू कर दिए गए है। ग्रुप में आने वाले स्कूलों को टिकट में विशेष छूट दी जाएगी।’
– अजय श्रीवास्तव, क्षेत्रीय प्रबंधक इंदौर रीजन
(मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम)
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