
इंदौर। रक्षाबंधन के त्योहार को ध्यान में रखते हुए इन दिनों बाजारों में किन्नर समाज की टोली नजर आती है। यह टोली विभिन्न दुकानों और कार्यालय पर जाकर रक्षाबंधन का नेग मांग रही है। किन्नरों द्वारा की जाने वाली मांग के कारण व्यापारियों का उनसे कई स्थानों पर विवाद भी हो रहा है। इस स्थिति के बीच रानीपुरा के व्यापारियों द्वारा तय किया गया है कि किन्नर समाज को केवल 200 का नेग दिया जाएगा। शहर में बीते कई दिनों से किन्नर समाज चर्चा में है। एक ओर जहां किन्नरों में आपसी विवाद की स्थिति बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर व्यापारियों ने भी एकजुटता दिखाते हुए अब निर्धारित राशि किन्नरों को नेग के रूप में देने का निर्णय लिया है।
कई बार त्योहारों पर नेग को लेकर बनी स्थितियों के बाद व्यापारी एसोसिएशन द्वारा यह निर्णय लिया गया है। शहर में किन्नरों द्वारा होली, राखी और दीपावली पर मुख्य बाजारों की दुकानों पर पहुंचकर नेग लिया जाता है। ऐसे में कुछ बाजारों में तो किन्नरों के नेग की राशि निर्धारित है, लेकिन कुछ बाजारों में जब किन्नर मुंहमांगी राशि मांगते हैं और उसे लेकर अड जाते हैं तो विवाद की स्थिति बनती है। इस स्थिति से निपटने के लिए रानीपुरा के व्यापारी और मालवा फुटवियर एसोसिएशन ने किन्नरों की नेग की राशि 200 रुपए निर्धारित कर दी।
व्यापारियों ने इसको लेकर एक सूचना भी अपनी दुकानों पर चस्पा की है। उन्होंने लिखा है कि किन्नरों द्वारा मनमानी राशि की मांग को लेकर हम विरोध जताते हैं। साथ ही संगठन ने अपनी इस सूचना की एक कॉपी सेंट्रल कोतवाली पुलिस को भी दी है। व्यापारियों को कहा है कि अगर किन्नर द्वारा मनमानी राशि ली जाती है तो इसको लेकर पुलिस को शिकायत भी सकते हैं। कुल मिलाकर आगामी त्योहारों के सीजन में विवाद की स्थिति न बने, इसलिए अब व्यापारियों ने एकजुट होते हुए किन्नर समाज के लिए नेग की राशि निर्धारित कर दी है।
कई दुकानें हो जाती हैं बंद
किन्नर समाज खास त्योहारों पर नेग मांगने जाता है तो बाजारों में दो समूह अलग-अलग पहुंचते हैं। कुछ पुराने बाजारों में तो किन्नरों का नेग लगभग निश्चित है ही, लेकिन कुछ नए बाजार और जेल रोड, नॉवेल्टी मार्केट क्षेत्र में कई बार किन्नर छोटे दुकानदारों से बड़ा नेग मांगते हैं। ऐसे में जब व्यापारियों को खबर मिलती है कि किन्नर नेग लेने पहुंचे हैं तो वह दुकान का शटर गिरा देते हैं या अपनी कुर्सी से उठकर इधर-उधर हो जाते हैं।
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