
ब्रिटेन: दुनिया का एक देश ऐसा भी है जहां चूहों का आतंक बहुत बढ़ गया है. ऐसा अचानक भी नहीं हुआ है. पिछले कुछ समय से ब्रिटेन के कामगार चूहों और अन्य कुतरने वाले जानवरों से बहुत ज्यादा तंग आ गए हैं. हालत यह है कि बिन वर्कर्स यूनियन मांग कर रही है कि अधिकारी “बिल्लियों के आकार के कुतरने वाले जानवरों ” को देखे जाने के बाद “चूहा आपातकाल” घोषित करें.
ब्रिटेन के औद्योगिक कामगारों की सबसे प्रमुख यूनियन जीएमबी यूनियन का दावा है कि विशाल “कीड़े” कूड़े और सफाई कर्मचारियों के लिए काम करना असंभव बना रहे हैं. बात केवल काम ना कर पाने तक सीमित नहीं है. संघ के सदस्यों के काटे जाने और चोट लगने की खबरें तक आई हैं.
हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि क्षेत्र में बिल्लियों या छोटे कुत्तों के आकार के चूहे देखे गए हैं. एसटीवी न्यूज़ के अनुसार, जीएमबी यूनियन अब ग्लासगो सिटी काउंसिल से “वर्मिन इमरजेंसी” का ऐलान करने का आग्रह कर रही है. एक कर्मचारी ने एसटीवी को बताया कि उन्हें चूहों की जाँच करने के लिए कचरे के डिब्बे खोलने से पहले उन्हें “किक मारने” का निर्देश दिया गया है.
परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कचरा संग्रहण टीम पूरे स्टाफ के साथ काम कर रही है, हालांकि अनुपस्थिति एक मुद्दा बनी हुई है जिसका प्रबंधन एक आवश्यकता है. यह अहम है कि घर को मालिक और संपत्ति प्रबंधक यह सुनिश्चित करें कि भोजन की बर्बादी ठीक से काबू में हो और चूहों को रोकने के लिए बिन कोर्ट को अच्छी तरह से रखा जाए.
यह समस्या पूरे देश में देखने को मिल रही है. शेफ़ील्ड में विशाल म्यूटेंट चूहों के आक्रमण के कारण छात्रों ने पिछले सप्ताह किराया हड़ताल की धमकी दी थी. एक छात्र ने कहा कि इतने सारे चूहे घूम रहे हैं कि वो जूते पहने बिना अपनी रसोई में नहीं जा सकते. द ब्रिटिश पेस्ट कंट्रोल एसोसिएशन की नताली बुंगे ने कहा कि सर्दियों की अवधि के दौरान चूहों के संक्रमण में वृद्धि देखना आम बात है, क्योंकि चूहे और चूहे खाद्य स्रोत तक पहुंच के साथ गर्म, सूखे आश्रय की तलाश में रहते हैं.
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