img-fluid

MP के इस गांव में होती है रावण की पूजा, भगवान मानते है ग्रामीण, दशहरे पर मनाते हैं शोक

October 01, 2025

विदिशा। भारत (India) अनेक विविधताओं का देश है, जंहा राम को भी पूजा जाता है तो कहीं कहीं रावण को पूजा जाता है। तभी तो भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है! जंहा असत्य पर सत्य की विजय पर्व दशहरा पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं एक दूसरी ओर मध्य प्रदेश के विदिशा (Vidisha) जिले की शमशाबाद विधानसभा की नटेरन तहसील (Nateran Tehsil) से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर एक ग्राम है, जिसका नाम रावण है।

इस गांव में एक प्राचीन मंदिर है, जो रावण बाबा का है। इस मंदिर में रावण बाबा की 6 फीट लेटी हुई प्रतिमा है। जो देखेने में एक अनोखा मन मोहित करती है। यह बहुत प्राचीन मंदिर है। पुराने लोग इस मंदिर का बहुत ही अनोखा इतिहास बताते है। रावण बाबा के मंदिर से उत्तर दिशा में 3 किलोमीटर की दूरी पर एक बूदे की पहाड़ी है, जिसमें प्राचीन काल में बुध्दा नामक एक राक्षस रहा करता था, जो रावण बाबा से युद्ध करने की बहुत इच्छा रखता था, लेकिन जब वह लंका तक पहुंचता था और लंका की चकाचौंध देखते ही अधिक दूरी से उसका बल क्षीण हो जाता था।


एक दिन रावण बाबा ने इस राक्षस से पूछा कि तुम दरबार में क्यों आते हो और हर बार बिना कुछ बताये चले जाते हो, तब बुद्धा राक्षस ने कहा कि महाराज हर बार आप से युद्ध की इच्छा लेकर आता हूं लेकिन यहां तक आने में बल क्षीण हो जाता। तब रावण बाबा ने कहा कि तुम वही मेरी एक प्रतिमा बना लेना और उसी से युद्ध करना। तब से यह प्रतिमा वही पर राखी हुई है। राक्षस का अंत उसी प्रतिमा से हुआ है। लोगों ने उस प्रतिमा की महिमा को देखते हुए वहां मंदिर बना दिया।

इस गांव का नाम भी इसी मंदिर से पड़ा और जब भी यहां कोई हवन, पूजन या बड़ा पर्व मनाया जाता है तो पहले रावण बाबा को पूजा जाता है। गांव में जब कोई शादी या कोई भी समारोह किया जाता है तो रावण बाबा की नाभि में तेल भरकर शुभारंभ किया जाता है और लोग हर शुरुआत में रावण बाबा की पूजा अर्चना कर निश्चय हो जाते है। मंदिर से सटा हुआ एक तालाब भी है। इस तालाब की भी अनोखी महिला है। तालाब में रावण बाबा की एक प्राचीन पत्थर की तलवार है और लोग उस तालाब के पानी को गंगा के समान पवित्र माना मानते है। चरणा मृत के समान जल को पीकर तरह-तरह की बीमारियों से निजात पाते है। जब तालाब का पानी खत्म हो जाता है तो फिर तालाब की मिट्टी से सिर धोकर नहाते है।

लोगों की मंदिर और तालाब के प्रति इस प्रकार से आस्था जुड़ी है कि गांव में जब भी कोई वाहन खरीदता है तो उस पर रावण बाबा का नाम जरूर लिखवाते है और जब मंदिर के समीप से निकलते है तो गाड़ी का हॉर्न बजाकर या बाबा को प्रणाम करते हुए जाते है। यहां तक कि लोग अपने शरीर पर भी रावण बाबा की जय लिखवाते है। जहां पूरे देश में रावण दहन कर दशहरा पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है वहीं इस गांव में रावण दहन का शोक मनाया जाता है। रावण बाबा को खुश करने और मनाने के लिए विशेष पूजा, भंडारा और रामायण पाठ किया जाता है।

Share:

  • सैन्य शक्ति को बनाए रखने के लिए वित्तीय अनुशासन भी जरूरी - रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

    Wed Oct 1 , 2025
    नई दिल्ली । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि सैन्य शक्ति को बनाए रखने के लिए (To maintain Military Strength) वित्तीय अनुशासन भी जरूरी है (Financial discipline is also Necessary) । ऑपरेशन सिंदूर में पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह से हमारी सेनाओं ने एक ऐतिहासिक और निर्णायक जीत हासिल […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved