
नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व मु्ख्य कोच रवि शास्त्री स्टार बल्लेबाज विराट कोहली को अपना सबसे अच्छा शिष्य मानते हैं। उन्होंने किंग कोहली की तारीफ करते हुए कहा की उनकी जिम्मेदारी लेने की क्षमता ने काफी प्रभावित किया। बता दें कि, 2017 से 2021 तक रवि शास्त्री की कोचिंग में विराट कोहली ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया। शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में खेली गई विराट की कुछ पारियों को अविश्वसनीय बताया।
रवि शास्त्री ने स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए विराट की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगा कि अपने चरम पर बल्लेबाज के रूप में कोहली अविश्वसनीय थे। उन पांच वर्षों में जब भारत टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 था… ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में और अलग-अलग प्रारूपों में उनकी कुछ पारियां अवास्तविक थीं।’ उन्होंने आगे बताया कि महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद उन्होंने कोहली को टीम का लीडर चुना।
शास्त्री ने आगे कहा, ‘जब मैंने कोच का पद संभाला और धोनी का कार्यकाल खत्म हुआ। उन्होंने शानदार काम किया। कोहली की बतौर बल्लेबाज प्राथमिक कौशल, दबदबा बनाने की क्षमता, डटकर और ईमानदारी से खेलने का रवैया, जीत की भूख और खेल को आगे ले जाने की चाह…ये सब काबिल-ए-तारीफ थे।’
विराट कोहली ने 2014 की टेस्ट सीरीज के दौरान महेंद्र सिंह धोनी के बाद कप्तानी संभाली थी। एडिलेड में अपने पहले ही टेस्ट मैच में बतौर कप्तान दो शतक जड़कर जोरदार शुरुआत की। अगले पांच वर्षों में उन्होंने लाल गेंद के क्रिकेट में दबदबा बनाया और 63.27 की शानदार औसत से 4492 रन बनाए जिसमें 18 शतक शामिल रहे। उनकी यह लगातार उत्कृष्ट बल्लेबाजी भारत को लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष स्थान पर बनाए रखने में अहम रही।
रवि शास्त्री ने कहा, ‘विराट कोहली के साथ काम करना शानदार अनुभव था। वह वह खिलाड़ी थे, जिन्हें मैंने टीम की कमान संभालने के लिए सबसे उपयुक्त पाया। जब मैंने कोच की जिम्मेदारी ली और धोनी का कार्यकाल खत्म हुआ तब कोहली ने बेहतरीन काम किया। बतौर बल्लेबाज उनका मुख्य गुण था विपक्षी गेंदबाजों पर दबदबा बनाना, डटकर खेलना और पूरे दमखम के साथ मैदान पर उतरना। उनकी हमेशा यही सोच रहती थी कि मैच जीता जाए और खेल को आगे बढ़ाया जाए।’
रवि शास्त्री ने माना कि विराट कोहली उन सभी खिलाड़ियों में सबसे खास रहे जिन्हें उन्होंने कोचिंग दी। फिर चाहें वह चेतेश्वर पुजारा हों, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा या जसप्रीत बुमराह हों। शास्त्री ने कहा, ‘मैं कहूंगा कि अपने चरम पर बल्लेबाज के रूप में कोहली अविश्वसनीय थे। उन पांच वर्षों में जब भारत टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 था… ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में अलग-अलग प्रारूपों में उनकी कुछ पारियां सचमुच अद्भुत थीं।’
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