
नई दिल्ली । बतौर कप्तान शुभमन गिल (captain Shubman Gill)के करियर (career)का आगाज वैसा नहीं रहा जैसा वह चाहते थे। हेडिंग्ले टेस्ट(headingley test) में 5-5 शतक लगने के बावजूद टीम इंडिया (Team India)को हार का सामना करना पड़ा और इंग्लैंड के खिलाफ जारी 5 मैच की टेस्ट सीरीज में अब टीम इंडिया 0-1 से पीछे हैं। पहले टेस्ट के बाद शुभमन गिल की कप्तानी पर भी कई सवाल खड़े हुए, हालांकि उन्हें पूर्व कोच रवि शास्त्री का सपोर्ट मिला है। विजडन से बात करते हुए शास्त्री ने गिल का समर्थन किया कि समय और अनुभव के साथ वह इस भूमिका में ढल जाएंगे।
शुभमन गिल के कप्तानी करियर की शुरुआत भी काफी कठिन रही है, ना तो टीम में रोहित शर्मा हैं और ना ही गाइड करने के लिए विराट कोहली। वहीं टीम बदलाव के दौरान से गुजर रही है। ऐसे में लीड्स टेस्ट हारने के बावजूद, शास्त्री ने जोर देकर कहा कि गिल में क्लास और संयम का एक अनूठा मिश्रण है जो उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।
रवि शास्त्री ने कहा, “अगर गिल आगे नहीं बढ़ पाते हैं तो मैं निराश हो जाऊंगा। सुस्त, आलसी और शानदार, और जब वह बल्लेबाजी करते हैं तो उनके पास शाही अंदाज होता है। अगर वह अनुभव के साथ सीख सकते हैं और परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढाल सकते हैं, तो मुझे लगता है कि वह एक ऐसा नाम है जिसे मैं देख सकता हूं।”
पूर्व भारतीय कोच का मानना है कि मैदान के बाहर भी गिल का विकास उतना ही प्रभावशाली रहा है। शास्त्री ने कहा, “वह काफी परिपक्व हो गया है। जिस तरह से वह मीडिया को हैंडल करता है, जिस तरह से वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में और टॉस के दौरान बात करता है, वह काफी परिपक्व हो गया है।”
उन्होंने बीसीसीआई समेत हेड कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर से गुजारिश की कि शुभमन गिल को बतौर कप्तान खुद को साबित करने के लिए तीन साल का समय देना चाहिए।
रवि शास्त्री ने कहा, “उसे तीन साल तक टीम में रहने दो। सीरीज में चाहे जो भी हो, उसमें कोई बदलाव मत करो। उसके साथ तीन साल तक रहो, और मुझे लगता है कि वह तुम्हारे लिए अच्छा प्रदर्शन करेगा।”
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