
नई दिल्ली । अमेरिकी डॉलर(US Dollar) की बिक्री और प्रतिभूतियों(Sales and securities) से हुई ब्याज आय की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक(reserve Bank of India) ने केंद्र सरकार(Central government) को रिकॉर्ड 2.7 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक डिविडेंड देने की घोषणा(declaration of dividend) की है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की। भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 616वीं बैठक में डिविडेंड भुगतान पर निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की।
डिविडेंड का क्या करेगी सरकार
विश्लेषकों ने सोमवार को कहा कि इससे सरकार को अमेरिकी टैरिफ और पाकिस्तान के साथ संघर्ष के कारण रक्षा पर खर्च में वृद्धि से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड महामारी के बाद के वर्षों से आरबीआई सरकार को अधिक से अधिक अधिशेष हस्तांतरण कर रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने 2024-25 के लिए आकस्मिक जोखिम बफर को सालाना आधार पर 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद इस बार अधिशेष हस्तांतरण बढ़ा है।
केयरएज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल की तुलना में केंद्रीय बैंक ने अधिक डिविडेंड दिया है। हालांकि, यह बाजार उम्मीदों से कम है। बाजार आरबीआई से सरकार को तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के डिविडेंड की उम्मीद कर रहा था।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का काम और कमाई के तरीके
रिजर्व बैंक का मुख्य मकसद मुनाफा कमाना नहीं है, मगर काम करते-करते उसे मुनाफा हो जाता है। भारत सरकार RBI की मालिक है, लेकिन कानूनी तौर पर बैंक को अपने फैसले लेने की आजादी है। हालांकि, हर साल RBI का मुनाफे का एक हिस्सा (डिविडेंड) सरकार को मिलता है।
RBI के तीन बड़े काम
1. अर्थव्यवस्था को संभालना: RBI का पहला काम है देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखना। यानी, आर्थिक विकास (ग्रोथ) तो हो, लेकिन महंगाई भी कंट्रोल में रहे। इसके लिए RBI ब्याज दरें घटाता-बढ़ाता रहता है। साथ ही, डॉलर जैसी विदेशी मुद्रा के भाव को संभालना भी इसका काम है। जब डॉलर सस्ता होता है, तो RBI उसे खरीद लेता है, और जब महँगा हो जाता है, तो बेच देता है। इससे उसे फायदा होता है। जब रुपया गिरता है, तो RBI बाजार में डॉलर बेचकर रुपये को सपोर्ट करता है। यही उसकी कमाई का बड़ा जरिया है।
2. सरकार का बैंकर बनना: RBI सरकार का बैंक भी है। सरकार को जब पैसों की जरूरत होती है (खासकर बजट के घाटे को पूरा करने के लिए), तो RBI बाजार से उसके लिए कर्ज़ उठाता है। यह काम बॉन्ड बेचकर किया जाता है। अगर सरकार को RBI से ज्यादा डिविडेंड मिलता है, तो उसे कम कर्ज़ लेना पड़ता है। इससे प्राइवेट कंपनियों को सस्ता कर्ज मिलने का रास्ता खुलता है। लगता है कि RBI अगले महीने ब्याज दरें घटा सकता है, जिससे लोन की EMI भी कम हो सकती है।
3. नोट छापना: RBI देश में करेंसी के नोट छापता है। नोट छापने की लागत और उसकी असली कीमत (जैसे 100 रुपये का नोट) के बीच का फर्क RBI के मुनाफे में जुड़ जाता है। यानी, 10 रुपये खर्च करके 100 का नोट छापा, तो 90 रुपये का फायदा।
इनके अलावा भी कमाई के स्रोत: RBI विदेशी बॉन्ड (जैसे अमेरिकी बॉन्ड) और सोने में निवेश करता है। सोने की कीमत बढ़ने-घटने से भी मुनाफा या नुकसान होता है।
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