
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को रेपो दर (Repo Rate) को तत्काल प्रभाव से (With Immediate Effect) बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया (Increased to 6.25 Percent) । गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की। इस वित्तीय वर्ष में केंद्रीय बैंक द्वारा यह पांचवीं सीधी वृद्धि है।
इससे पहले, आरबीआई ने मई में ऑफ-साइकिल मीटिंग में रेपो रेट में 40 बीपीएस और जून, अगस्त और सितंबर में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी। एमपीसी ने अक्टूबर-दिसंबर 2022 की अवधि के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया। जनवरी-मार्च 2023 की अवधि के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 5.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया।
एमपीसी ने 2023-24 की पहली तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के पूवार्नुमान को 5 प्रतिशत पर बरकरार रखा और वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए इसे 5.4 प्रतिशत पर रखा है। रुपये पर टिप्पणी करते हुए, दास ने अपने भाषण में कहा कि अप्रैल-अक्टूबर के दौरान मुद्रा में वास्तविक रूप से 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, यहां तक कि प्रमुख मुद्राओं में मूल्यह्रास हुआ है। उन्होंने कहा, ‘रुपये को अपना स्तर खोजने देना चाहिए।’
अप्रैल से अक्टूबर 2022 तक एफडीआई प्रवाह बढ़कर 22.7 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 21.3 अरब डॉलर था। उन्होंने आगे कहा कि बाहरी मांग में कमी का भारत के व्यापारिक निर्यात पर असर पड़ रहा है। दास ने बताया, हमारे विदेशी मुद्रा भंडार का आकार ठीक ठाक है और बढ़ा है। 2 दिसंबर को यह 561.2 अरब डॉलर था।
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