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कर्ज चूक के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए नया नियम लाने की तैयारी में RBI

October 02, 2025

नई दिल्ली। आरबीआई (RBI) कर्ज चूक के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए नया नियम (New Rule) लाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत अगर किसी ने ईएमआई (EMI) पर मोबाइल फोन (Mobile Phone) लिया है और वह किस्त नहीं भरता है तो खरीदा गया उपकरण ऑनलाइन तरीके से लॉक हो जाएगा यानी ग्राहक उसका इस्तेमाल नहीं पाएगा। किस्त भरने के बाद ही बैंक या वित्त संस्थान उसे अनलॉक करेगा।

बुधवार को मौद्रिक समीक्षा समिति के फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने बताया कि इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। अभी इसके फायदे और नुकसान पर विचार किया जा रहा है। ग्राहकों के अधिकारों व जरूरतों, निजी सूचना की गोपनीयता और कर्ज देने वालों की जरूरतों के बीच संतुलन बनाने के मामले में पक्षों के फायदे व नुकसान हैं, इसलिए हम इस सभी जरूरी मुद्दों पर गौर कर रहे हैं और बाद में इस पर कोई निर्णय लेंगे।


क्या है प्रस्ताव : वित्तीय संस्थानों को मासिक किस्त भुगतान में चूक की स्थिति में ऋण लेकर खरीदे गए मोबाइल फोन को डिजिटल तरीके से लॉक करने की अनुमति मिल पाएगी। इसके लिए उपकरण में थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल किया जाएगा, जिसके लिए ग्राहक से पहले ही सहमति ली जाएगी। लॉक होने की स्थिति में केवल इमरजेंसी कॉल्स ही काम करेंगे। किस्त भरने के बाद मोबाइल तुरंत अनलॉक हो जाएगा। हालांकि, लॉक करने से पहले ग्राहक को रिमाइंडर नोटिस भेजा जाएगा।

आम लोगों के लिए आरबीआई के बड़े फैसले
कर्ज देने से पहले ग्राहक की पृष्ठभूमि जांची जाएगी
आबीआई ने अपेक्षित ऋण हानि (ईसीएल) ढांचा एक अप्रैल, 2027 से सभी वित्तीय संस्थानों पर लागू करने की तैयारी की है। अभी तक बैंक और अन्य वित्त संस्थान जब तक कोई कर्ज डिफॉल्ट न हो जाए या वसूली असंभव न लगे, तब तक उस पर ज्यादा प्रावधान लागू नहीं करते था, लेकिन नई व्यवस्था में इन्हें अनुमान लगाना होगा कि भविष्य में कौन-सा कर्ज डूब कर सकता है और उसके हिसाब से पहले ही पैसा अलग रखना होगा। इसका असर आवास ऋण, व्यक्तिगत कर्ज और व्यापार कर्ज पर देखने को मिल सकता है। अब बैंक कर्ज लेने वाले की पृष्ठभूमि की गहनता से जांच की जाएगी। उसकी क्रेडिट रिपोर्ट और जोखिम को आंका जाएगा। इससे कर्ज लेना मुश्किल या महंगा हो सकता है।

बुनियादी बचत खाते पर इंटरनेट बैंकिंग मुफ्त मिलेगी
बुनियादी बचत बैंक खातों (बीएसबीडी) पर भी अब न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता के बिना डिजिटल बैंकिंग की सुविधा मिलेगी। बीएसबीडी खाते से संबंधित मौजूदा निर्देशों के तहत बैंकों को ऐसे खाताधारकों को न्यूनतम शेष राशि की जरूरत के बिना, कुछ न्यूनतम सुविधाएं निःशुल्क देनी होती हैं। अब आरबीआई ने इन सुविधाओं को दायरा बढ़ाते हुए इनमें इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग को भी शामिल किया है। यानी ग्राहकों को ये सेवाएं भी मुफ्त उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही अब बैंकों को चालू खाते और ओवरड्राफ्ट खाते खोलने की ज्यादा छूट मिलेगी। इसका फायदा सीधे कारोबारियों और छोटे-बड़े व्यवसाओं को मिलेगा।

ग्रामीण ग्राहक भी लोकपाल को शिकायत कर पाएंगे
आरबीआई की लोकपाल योजना के दायरे में अब ग्रामीण सहकारी बैंक भी शामिल होंगे। यानी छोटे शहरों और गांवों के ग्राहक भी अगर किसी बैंक से परेशान हैं तो सीधे लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकेंगे। पहले यह सुविधा सिर्फ शहरी वित्तीय संस्थानों तक सीमित थी। ग्रामीण सहकारी बैंकों के ग्राहक आरबीआई की वेबसाइट (https://cms.rbi.org.in) पर जाकर शिकायत दर्ज कर पाएंगे। साथ ही ईमेल भेजकर या टोल-फ्री नंबर पर संपर्क करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

शहरी सहकारी बैंकों के लिए नई शुरुआत
आरबीआई ने साफ किया है कि 2004 से रुकी हुई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों (यूसीबी) की लाइसेंसिंग प्रक्रिया पर अब नया चर्चा पत्र लाया जाएगा। इससे छोटे शहरों और कस्बों में लोगों को बैंकिंग सुविधा और बेहतर तरीके से उपलब्ध होगी। लंबे समय से नए लाइसेंस पर रोक होने की वजह से इस क्षेत्र में नए संस्थानों का प्रवेश नहीं हो पा रहा था।

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