
भोपाल। कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के भीतर जारी अंतर्विरोध एक बार फिर सामने आ गया हैं। पार्टी के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के भाई लक्ष्मण सिंह (Laxman Singh) को निलंबित (Suspension) करने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश कांग्रेस की ओर से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को भेजा गया है। लक्ष्मण सिंह ने हाल ही में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की थीं। उन्होंने 24 अप्रैल को संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने उमर अब्दुल्ला को आतंकवादियों से मिले होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि “हमारे नेताओं को सोच-समझकर बोलना चाहिए, नहीं तो चुनावों में उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अगर पार्टी को मुझे निकालना है तो आज ही निकाल दे।
उन्होंने राहुल गांधीऔर रॉबर्ट वाड्रा को लेकर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते इसलिए आतंकवादियों ने हमला किया। इन दोनों का ये बचपना हम कब तक झेलेंगे। राहुल गांधी भी थोड़ा सोच समझकर बात करें। इनकी नादानियों की वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी को मुझे निकालना है तो आज ही निकाल दे। हमारे नेताओं को सोच-समझकर बोलना चाहिए, वरना इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
कांग्रेस पार्टी ने उनके इस बयान को गंभीरता से लेते हुए 9 मई को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था और 10 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था। हालांकि, प्राप्त जवाब को पार्टी ने असंतोषजनक माना और इसके आधार पर उनके निलंबन की सिफारिश कर दी गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि लक्ष्मण सिंह एआईसीसी के सदस्य हैं और ऐसे में उनके निलंबन का अंतिम निर्णय केवल शीर्ष नेतृत्व ही ले सकता है।
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