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बांग्लादेश को लेकर सद्गुरु बोले-राष्ट्र सिर्फ ‘चिकन’ बनकर नहीं चल सकता

December 30, 2025

नई दिल्‍ली। बांग्लादेश (Bangladesh) में जारी हिंसा के बीच लगातार भारत के खिलाफ आवाज उठ रही हैं। इनमें सबसे ज्यादा भारत के चिकन नेक को काटने की है। इसी मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए सद्गुरू (Sadhguru) ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम इस चिकन नेक (Chicken neck) को पोषित करके इसे हाथी में बदल दें। उन्होंने कहा कि इसके लिए चाहें हमें कुछ भी करना पड़े, चाहें स्टेरॉयड देने पड़ें या कुछ लेकिन हमें यह करना होगा। हमें इस चिकन नेक को हाथी की गर्दन बनाना ही होगा।

बेंगलुरू में लोगों को संबोधित कर रहे सद्गुरू से एक युवक ने पूछा कि बांग्लादेश की अतंरिम सरकार की तरफ से लगातार हमारे सिलिगुड़ी कॉरिडोर या चिकन नेक को काटने के बयान आ रहे हैं। इसका जवाब देते हुए सदगुरू ने कहा कि यह हमारी मूर्खता थी कि हमने इस तरह के बयान के आने का इंतजार किया। लेकिन अब यह बयान आ ही गया है तो हमें इसको हाथी बनाने की जरूरत है।



सद्गुरू ने लोगों को समझाते हुए कहा,”आप लोगों को अगर इसकी जानकारी नहीं है तो मैं बता दूं कि हमारे देश की एक जगह ऐसी हैं, जिसकी लंबाई केवल 22 किलोमीटर है। यह किसी देश को बनाने का तरीका नहीं होता है। हो सकता है कि 1946-47 में हमें यह करने का अधिकार नहीं था, लेकिन 1971-72 में था, लेकिन हमने नहीं किया। अब जबकि उस देश से ऐसी आवाज उठने ही लगी है, तो अब समय है कि हमें इस चिकन को खिलाना-पिलाना शुरू करना चाहिए ताकि यह जल्दी ही हाथी में बदल जाए।”

सद्गुरू ने कहा, “इस चिकन को हाथी बनाने के लिए हो सकता है कि हमें काफी कुछ करना पड़े। इसे स्टेरॉयड देने पड़ें। हमें यह करना चाहिए। इसे होना ही चाहिए। लेकिन हम कुछ भी करेंगे उसके बदले में हमें कुछ कीमत भी चुकानी होगी।

उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छा होता कि अगर इस धरती पर कोई देश नहीं होते। इस धरती के हिस्सों को किसी केक की तरह काटा नहीं गया होता। लेकिन ऐसा है, हम अभी भी सभ्यता की उसी दहलीज पर हैं, जहां पर देश हैं, शायद किसी दिन ऐसा हो कि धरती एक हो जाए लेकिन अभी ऐसा सोचना मूर्खता होगी। अभी हमारे देश की संप्रभुता सबसे जरूरी है। इसके साथ ही पड़ोसी देश को भी आगे बढ़ने के लिए मदद करना ताकि बॉर्डर धीरे-धीरे अपना इतिहास ही खो दें।”

यूरोप का दिया उदाहरण
सद्गुरू ने यूरोप का उदाहरण देते हुए कहा कि यूरोप के देश भी कभी एक-दूसरे के दुश्मन थे लेकिन आज सब एक हैं। उन्होंने कहा, “आज भारत के संबंध में ऐसा सोचना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन आप यूरोप की तरफ देखिए, आज से कुछ दशक पहले ही, दूसरे विश्व युद्ध में वह एक-दूसरे के खून के प्यासे थे। आज वह एक यूरोपियन यूनियन हैं। खैर, भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध कुछ खराब हैं, कुछ गलतियां हुई हैं। हमें उन्हें सुधारने की जरूरत है, ताकि संबंध सामान्य हों। लेकिन मुझे लगता है कि हमें चिकन नेक को खिलाना-पिलाना चाहिए ताकि वह हाथी की गर्दन बन जाए।”

आपको बता दें सद्गुरू का यह बयान बांग्लादेश में भारत के खिलाफ बढ़ रही नफरत के बीच आया है। शेख हसीना के सत्ता से जाने के बाद से ही बांग्लादेश में लगातार भारत के ऊपर हमला करने के बयान सामने आ रहे हैं। बांग्लादेशी अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस भी चीन में जाकर भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों और चिकन नेक की बात करके आए थे, इसका भारत ने काफी विरोध किया था। इसके बाद हाल ही में मारे गए बांग्लादेशी छात्र नेता उस्मान हादी भी भारत के चिकन नेक को बंद करके भारत को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से अलग करने के सपने सजा रहा था।

चिकन नेक भारत को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने का जरिया है। 22 किलोमीटर चौड़ी इस जमीन के एक तरफ बांग्लादेश है तो दूसरी तरफ भूटान और नेपाल है। भारत ने इस रास्ते के विकल्प भी तलाशे हैं लेकिन बांग्लादेश में अशांति बढ़ने के बाद वह अभी दूर की कौड़ी नजर आते हैं। क्योंकि इनमें से एक रास्ता बांग्लादेश से ही होकर जाता है, जबकि दूसरा रास्ता सैन्य शासन में चल रहे म्यांमार के रास्ते, जिस पर चीन का प्रभाव है।

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