
जबलपुर। शहर में पारिवारिक और वैवाहिक रिश्तों का ताना-बाना तेजी से कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि शादी के बाद शुरू होने वाला नया जीवन कई मामलों में कुछ ही महीनों में विवाद और तनाव की भेंट चढ़ जा रहा है। घर-आंगन में शुरू होने वाली छोटी-छोटी नोकझोंक अब थानों और काउंसलिंग केंद्रों तक पहुंच रही है। रिश्तों के टूटने के पीछे सबसे बड़ा कारण अब सोशल मीडिया को माना जा रहा है।
विशेषज्ञों और परामर्शदाताओं के अनुसार शादी से पहले सब कुछ सामान्य रहता है, लेकिन विवाह के बाद मोबाइल और सोशल मीडिया विवाद की जड़ बन जाते हैं। शादी के बावजूद पुरानी दोस्ती, पुराने रिश्ते और सोशल मीडिया पर चलने वाली निजी चैटिंग संदेह और अविश्वास को जन्म दे रही है। कई मामलों में मोबाइल पर छिपी बातचीत वर्षों पुराने राज खोल देती है, जिससे पति-पत्नी के बीच तनाव गहराता चला जाता है।
अधिकतर मामलों में समझौता
शहर में संचालित वन स्टॉप सेंटर के आंकड़े इस बदलते सामाजिक परिदृश्य की हकीकत बयां करते हैं। वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में यहां 97 वैवाहिक विवादों के मामले पहुंचे। इनमें से 83 मामलों में काउंसलिंग के जरिए समझौता कर रिश्तों को टूटने से बचा लिया गया, जबकि 12 मामलों को न्यायालय भेजा गया और 2 मामलों में एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। यह आंकड़े बताते हैं कि काउंसलिंग आज टूटते परिवारों को संभालने का अहम जरिया बन चुकी है।
सोशल मीडिया बना सबसे बड़ा ‘विलेन’
परामर्शदाताओं का कहना है कि घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों का स्वरूप भी बदल रहा है। पहले जहां शारीरिक या आर्थिक उत्पीडऩ प्रमुख कारण हुआ करते थे, अब मानसिक तनाव, डिजिटल निगरानी, मोबाइल की जांच, सोशल मीडिया पासवर्ड मांगना और ऑनलाइन रिश्तों को लेकर झगड़े सामने आ रहे हैं। कई दंपति एक-दूसरे पर लगातार शक करते हैं, जिससे रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती है। कई मामलों में सास-बहू विवाद भी तनाव का कारण बन रहा है, लेकिन मोबाइल और सोशल मीडिया आज सबसे बड़ा ‘विलेन’ बनकर उभर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया ने जहां दुनिया को करीब लाया है, वहीं परिवारों के बीच दूरी भी बढ़ा दी है।
संवाद और संयम बरतना जरूरी
वन स्टॉप सेंटर की काउंसलर मोहिनी पटसारिया के अनुसार, अधिकतर मामलों में बातचीत और समझाइश से रिश्तों को बचाया जा सकता है। दोनों पक्षों को डिजिटल दुनिया में संतुलन और भरोसे की अहमियत समझाई जा रही है, ताकि परिवार टूटने से बच सकें। बदलते दौर में रिश्तों को निभाने के लिए संवाद और संयम पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।
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