
वाशिंगटन। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में चीन और रूस (China and Russia) को लेकर सनसनीखेज दावा किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक रूस और चीन मिलकर समुद्र के नीचे हलचल मचा सकते हैं। अमेरिकी साइबर सुरक्षा फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर (US cybersecurity firm Recorded Future) की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि समुद्र के नीचे इंटरनेट केबलों (Undersea internet cables) पर हमले का खतरा बढ़ रहा है। बाल्टिक सागर और ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में इसे लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं और इसके पीछे का कारण रूस को चीन को बताया गया है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि बाल्टिक सागर क्षेत्र में रूस और चीन से संबंधित संदिग्ध घटनाएं बढ़ रही हैं और इससे इंटरनेट के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक स्तर पर गंभीर खतरा हो सकता है। यहां यह जानना जरूरी है कि दुनिया के 99 फीसदी इंटरकॉन्टिनेंटल डेटा ट्रैफिक का लोड समुद्र के नीचे मौजूद केबल ही संभालते हैं।
इन देशों पर खतरा
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, “तनाव बढ़ने के साथ-साथ उत्तरी अटलांटिक-बाल्टिक क्षेत्र में रूस और पश्चिमी क्षेत्र में चीन के हमलों की संख्या बढ़ने की संभावना है।” न्यूज 18 ने अपनी एक रिपोर्ट में अमेरिकी दावे के हवाले से बताया है कि कुछ कमजोर यूरोपीय देशों पर गंभीर खतरा है। इन देशों में माल्टा, साइप्रस और आयरलैंड जैसे देशों का नाम शामिल हैं।
हो चुकी हैं घटनाएं
रिपोर्ट में बीते दो सालों में बाल्टिक सागर और ताइवान के पास अंडरसी केबलों से जुड़ी नौ बड़ी घटनाओं के बारे में भी बताया गया है। इनमें बीते नवंबर में लिथुआनिया और स्वीडन के बीच दो केबलों के टूटने का भी जिक्र है। जांचकर्ताओं ने इस हादसे के लिए एक चीनी जहाज के लंगर को कारण बताया था। वहीं दिसंबर में फ़िनलैंड और एस्टोनिया के बीच केबल काटने का दोषी पाए जाने के बाद एक रूसी तेल टैंकर को जब्त कर लिया गया था।
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