
न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में खाली कुर्सियों के सामने भाषण देने को लेकर ईरान के सुप्रीम लीडर आयातुल्लाह खामेनेई (Iran’s Supreme Leader Ayatollah Khamenei) ने भी तंज कसा है। नेतन्याहू की स्पीच (Netanyahu’s speech) के वक्त कई देशों के प्रतिनिधियों ने वॉकआउट कर दिया था। ऐसे में उनके सामने खाली कुर्सियां ही दिखाई दे रही थीं। वॉकआउट करने वालों में अरब देशों के साथ अफ्रीका के भी कई देश शामिल थे।
खामेनेई ने कहा कि यहूदी देश आज दुनिया में सबसे ज्यादा घिनौना और अलग-थलग पड़ा देश है। उन्होंने नेतन्याहू की तस्वीर भी शेयर की जिसमें उनके आगे खाली कुर्सियां दिखाई दे रही हैं। बता दें कि नेतन्याहू ने गाजा में जगह-जगह लाउडस्पीकर लगवाए थे ताकि वहां के लोग भी उनका भाषण सुन सकें।
यूएन में नेतन्याहू ने कहा कि वह कभी नाक की नीचे इस तरह से आतंकवाद के बीज नहीं बोने देंगे। नेतन्याहू ने कहा कि केवल इसलिए कि मीडिया का एक गुट दुश्मनी का रवैया अपना रहा है या फिर सेमेटिक विरोधी विचारधारा हावी है, हम राष्ट्र को खतरे में नहीं डाल सकते हैं। बता दें कि फिलिस्तीनी प्रशासन ने ही नेतन्याहू की स्पीच के दौरान वॉकआउट का पूरा प्लान तैयार किया था। वॉकआउट करने वालों में मुस्लिम देशों के अलावा एशिया और यूरोप के भी कई देश शामिल थे। एक तरफ जहां बहुत सारी सीटें खाली थीं, वहीं ईरान की सीट पर कई तस्वीरें चिपकी थीं। तस्वीरों में बताया गया था कि जून में इजरायली हमले में बहुत सारे बच्चों की मौत हो गई।
इजराइल के अलग-थलग पड़ने के कारण उसपर युद्ध को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने का फैसला करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि, इजराइल ने इस मान्यता को खारिज कर दिया है। विभिन्न देश अमेरिकी राष्ट्रपति से अनुरोध कर रहे हैं कि वह इजराइल पर संघर्ष विराम का दबाव डालें। शुक्रवार को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा था कि उन्हें लगता है कि अमेरिका गाजा में संघर्ष विराम करवाने के करीब पहुंच गया है, जिसके तहत बंधकों की वापसी होगी और युद्ध खत्म होगा। ट्रंप और नेतन्याहू सोमवार को मुलाकात करेंगे। ट्रंप ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर कहा था कि गाजा को लेकर पश्चिम एशिया के देशों के साथ सकारात्मक और गहन बातचीत जारी है।
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