
इंदौर। रॉयल बंग्लोज, शिवालय इंदौर क्षेत्र से आवारा कुत्तों (Stray Dogs) द्वारा एक दर्जन से अधिक रहवासियों (Residents) पर हमला (attack) करने की शिकायत लेकर पहुंचे आवेदकों ने क्षेत्र के दो परिवारों द्वारा आवारा कुत्तों को भोजन कराए जाने की शिकायत दर्ज कराई है, जिसके कारण कुत्तों का क्षेत्र के रहवासियों पर ही हमला करना जारी है। कोर्ट के आदेश के बावजूद भी निगम ने अब तक इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं की है, वहीं लाख समझाने के बावजूद भी उक्त परिवारों द्वारा भोजन डालना बंद नहीं किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिन आवारा श्वानों को पकड़ा गया, उन्हें छोडऩे से पहले इनकी नसबंदी और इन्हें एंटीरैबीज टीका देने के निर्देश के साथ आक्रामक और हिंसक कुत्तों को नहीं छोडऩे के निर्देश दिए हैं। हाल ही में आदेश के अनुसार अब कुत्तों को खास जगहों पर ही खाना खिलाने की अनुमति का भी उल्लेख किया गया है, लेकिन निगम के निष्क्रय रहने के कारण अब तक कोई कार्रवाई सामने नहीं आ रही है।
निगम को याद दिलाई उसकी शक्तियां
क्षेत्र के दो परिवारों पर खुलेआम कुत्तों के माध्यम से गंदगी करने और भोजन कराने का आरोप लगाते हुए रहवासियों ने नियमों का हवाला दिया है और निगम को उसकी शक्तियां याद दिलाते हुए कहा गया है कि मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 66(42) एवं 66(46) के अंतर्गत नगर निगम को यह दायित्व सौंपा गया है कि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाए तथा आवारा एवं हिंसक जानवरों पर नियंत्रण रखें, वहीं भारतीय दंड संहिता की धारा 268 एवं 290 के अनुसार, इस प्रकार का आचरण सार्वजनिक उपद्रव की श्रेणी में आता है। फिर भी निगम कार्रवाई नहीं कर रहा है।. नगर निगम के बायलॉज में यह स्पष्ट प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर जानवरों को भोजन कर, नागरिकों की सुरक्षा में बाधा उत्पन्न करता है तो निगम उसके विरुद्ध आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है। नगर निगम अधिनियम की धारा 346 के अनुसार निगम जनहित में ऐसे व्यक्तियों को चेतावनी देकर उनको आचरण रोकने का अधिकार रखता है फिर भी सिर्फ कुत्तों को पकडक़र नसबंदी का दिखावा ही किया जा रहा है।
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