
नई दिल्ली। देश की खुदरा महंगाई नवंबर महीने में 6.40 फीसदी पर आ सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह पिछले 9 महीने का निचला स्तर होगा। इससे पहले फरवरी में यह 7.9 फीसदी थी। शुक्रवार को अर्थशास्त्रियों के सर्वे में दावा किया गया कि मुख्य रूप से खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण महंगाई दर में कमी आएगी। अक्तूबर में यह 6.77 फीसदी थी। खुदरा कीमतों पर आधारित (CPI) महंगाई इस साल अब तक आरबीआई के 6 फीसदी के संतोषजनक दायरे से अधिक रही है। सरकार खुदरा महंगाई के आंकड़े अगले सप्ताह जारी कर सकती है।
यूक्रेन युद्ध ने दुनियाभर में बढ़ाई परेशानी
पोल के अनुसार, यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर चली गई थी। भारत में खुदरा महंगाई में अकेले खाद्य कीमतों का हिस्सा 40 फीसदी है। सर्वे में महंगाई दर में लगातार दूसरी बार गिरावट की भविष्यवाणी की गई है।
मार्च तक 6.5 फीसदी रह सकती है औसत मुद्रास्फीति
आईएनजी के एशिया के प्रमुख रॉबर्ट कार्नेल ने कहा, हम महंगाई को गिरते हुए देखना जारी रखेंगे। खाद्य कीमतों और सब्जियों के दाम घटे हैं। जेपी मॉर्गन के अर्थशास्त्री ने कहा, अक्तूबर, 2022 और मार्च, 2023 के बीच औसत महंगाई दर 6.5 फीसदी रह सकती है।
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