
नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के बगराम एयरबेस (Bagram Airbase) पर अमेरिकी कंट्रोल (American control) की बात कही है. ट्रंप लगातार इस बारे में चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के जरिए खुली धमकी दी है कि अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके निर्माता यानी संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस नहीं करता, तो इसके नतीजे बहुत बुरे होंगे.
ट्रंप ने कहा कि हम फिलहाल अफ़ग़ानिस्तान से बात कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि बगराम एयरबेस जल्द हमारे नियंत्रण में हो. अगर अफगानिस्तान ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि मैं क्या करने वाला हूं. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका काबुल के पास बने एक बड़े अफगान एयरबेस को फिर से अपने कब्जे में लेने की योजना बना रहा है ताकि चीन पर नजर रखी जा सके.
हालांकि अफगानिस्तान की हुकूमत चला रहे तालिबान ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. तालिबान ने साफ कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका को किसी भी तरह की सैन्य वापसी को मंजूरी नहीं दी जाएगी. बगराम एयरबेस को अमेरिका को देने का सवाल ही नहीं उठता.
वहीं, तालिबानी विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने X पोस्ट में लिखा कि अफगानिस्तान और अमेरिका को आपस में बातचीत करनी चाहिए. आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर दोनों आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते बना सकते हैं, लेकिन अमेरिका को सैन्य वापसी को मंजूरी नहीं दी जाएगी.
NATO फोर्सेस का बड़ा केंद्र रहा
बता दें कि बगराम एयरबेस करीब दो दशक तक नाटो फोर्सेस का बड़ा केंद्र रहा है, ये बेस अफ़ग़ान सेना को तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा करने से कुछ समय पहले ही सौंप दिया गया था. इसे लेकर ट्रंप ने गुरुवार को ब्रिटेन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अमेरिका ने बगराम एयरबेस उन्हें मुफ़्त में दे दिया.
ट्रंप ने किया ये दावा
ट्रंप ने दावा किया है कि बगराम एयरबेस चीन के परमाणु हथियार बनाने वाली जगह से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है. इतना ही नहीं, ट्रंप पहले कह चुके हैं कि वे चाहते हैं अमेरिका पनामा नहर से लेकर ग्रीनलैंड तक कई जगहों पर कब्ज़ा करे, लिहाजा वह लंबे समय से बगराम पर फोकस कर रहे हैं. उन्होंने 18 सितंबर को इशारा किया कि अमेरिका इस एयरबेस को अपने नियंत्रण में ले सकता है. लेकिन यह समझौता किस तरह का होगा, यह साफ़ नहीं है. अगर समझौता होता है तो ये तालिबान के लिए बड़ा बदलाव वाला फैसला होगा, क्योंकि वही तालिबान अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालने और अमेरिका समर्थित सरकार से देश वापस लेने के लिए लड़ा था.
अफगान में था यूएस आर्मी का सबसे बड़ा एयरबेस
बगराम एयरबेस 11 सितंबर 2001 को अल-क़ायदा द्वारा न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन पर हमलों के बाद शुरू हुए 20 साल लंबे युद्ध के दौरान अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा एयरबेस था. इस एयरबेस पर पर कभी बर्गर किंग और पिज़्ज़ा हट जैसे फ़ास्ट-फ़ूड रेस्टोरेंट हुआ करते थे, जो अमेरिकी सैनिकों को खाना खिलाते थे, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर अफ़ग़ान कालीनों तक सब कुछ बेचने वाली दुकानें भी थीं. यहां एक विशाल जेल परिसर भी था.
कभी अमेरिका ने छोड़ दिया था बगराम एयरबेस
एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बगराम एयरबेस पर कब्ज़ा करने की अभी कोई योजना नहीं है, ये वही बेस है जिसे अमेरिका ने 2021 में अफ़ग़ानिस्तान से वापसी के दौरान बाकी इलाक़ों के साथ छोड़ दिया था. उन्होंने कहा कि इस बेस को दोबारा अपने नियंत्रण में लेना बहुत बड़ा और कठिन काम होगा.
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