
जबलपुर। इंदौर में नो-एंट्री जोन में घुसे एक ट्रक से हुए भीषण सड़क हादसे जिसमें तीन लोगों की मौत और 12 लोग घायल हुए के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगली सुनवाई में ठोस और व्यावहारिक एक्शन प्लान पेश किया जाए। सुनवाई के दौरान इंदौर पुलिस कमिश्नर एक बार फिर वर्चुअल माध्यम से अदालत के सामने उपस्थित हुए। कोर्ट ने कहा कि अब केवल औपचारिक जवाब या सामान्य बयानबाज़ी स्वीकार नहीं की जाएगी, बल्कि विस्तार से बताया जाए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस क्या ठोस कदम उठा रही है।
कैसे रुकेगी नो-एंट्री ?
हाईकोर्ट ने पुलिस से इन बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब मांगा है:नो-एंट्री में भारी वाहनों की रोकथाम के लिए क्या ठोस रणनीति तैयार की गई है? दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों में ट्रैफिक प्रबंधन कैसे सुधारा जाएगा? रात के समय निगरानी बढ़ाने के लिए कौन-से अतिरिक्त इंतजाम किए जाएंगे? पेट्रोलिंग, निगरानी कैमरों और नियंत्रण कक्ष की भूमिका को कैसे मजबूत किया जाएगा?
अगली सुनवाई 17 दिसंबर को
पुलिस कमिश्नर को विस्तृत, लागू करने योग्य एक्शन प्लान पेश करना होगा। हादसे वाले क्षेत्र की ट्रैफिक खामियों पर जवाब देना जरूरी है। निगरानी व्यवस्था, पेट्रोलिंग पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी गई है।
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