
डेस्क। अभिनेता-निर्देशक ऋषभ शेट्टी (Rishabh Shetty) इन दिनों फिल्म ‘कांतारा: चैप्टर 1’ (Kantara Chapter 1) से एक बार फिर करोड़ों दर्शकों का दिल जीतते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि आज जहां वो कन्नड़ सिनेमा (Kannada Cinema) के चमकते सितारे हैं, वहीं कुछ साल पहले उनकी जिंदगी बिल्कुल अलग थी। मुंबई की गलियों में वड़ा पाव खाते हुए और प्रोड्यूसर की गाड़ी चलाते हुए वह अपने बड़े सपनों की ओर कदम बढ़ा रहे थे।
ऋषभ शेट्टी ने 2012 में फिल्म ‘तुगलक’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। फिल्म में उनका निगेटिव रोल लोगों का ध्यान खींचने में सफल रहा। इसके बाद उन्हें ‘लूसिया’ और ‘उलिदावारु कंदांथे’ जैसी फिल्मों में देखा गया, लेकिन उनका सपना इससे भी बड़ा था। मुंबई में ऑफिस बॉय के तौर पर काम करते हुए उन्होंने कुछ कर गुजरने का सपना देखा। सिनेमा को भगवान की तरह पूजते हुए अपने कला की नींव रखी। मुंबई में शुरुआती संघर्ष के दौरान उन्होंने अपना पेट भरने के लिए ड्राइवर का भी काम किया।
साल 2022 में रिलीज हुई फिल्म ‘कांतारा’ उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। यह फिल्म सिर्फ हिट ही नहीं हुई, बल्कि कन्नड़ सिनेमा को ग्लोबल मंच तक ले गई। ‘कांतारा’ ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया और उन्हें इंडस्ट्री में एक कुशल और प्रतिभाशाली कलाकार के रूप में स्थापित किया। फिल्म की कहानी ने दर्शकों को फोकलोर, धर्म और मिथक की दुनिया में खो जाने का मौका दिया।
सफलता के बाद ऋषभ शेट्टी ने अपने दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए ‘कांतारा: चैप्टर 1’ के साथ वापसी की। यह प्रीक्वल फिल्म दर्शकों को मिथकों और लोककथाओं की और लेकर जाती है। फिल्म में ऋषभ के साथ रुक्मिणी वसंत, जयराम और गुलशन देवैया ने भी अभिनय किया है। 2 अक्टूबर को रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉलीवुड की प्रतियोगी रिलीज के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया। फिल्म ने महज दो दिनों में ही 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।
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