
डेस्क: भगवान (God) ने जब ये दुनिया (World) बनाई, तो इंसान (Humans) को सबसे खास बनाया. इसकी वजह कोई सुपरपावर (Superpower) नहीं बल्कि इंसान का ब्रेन पावर (Brain Power) है. जैसा इंसान का दिमाग है, वैसा किसी और जीव-जंतु का नहीं. तभी तो इंसान ने अपने लिए एक अलग दुनिया बनाई है, जो सुख-सुविधाओं से लैस है. हालांकि खुद इंसानों की ही बनाई हुई एक टेक्नोलॉजी (Technology) अब उसके लिए भस्मासुर (Bhasmasura) का काम करने को तैयार है.
हाल ही में तकनीकी विशेषज्ञों (Experts) और वैज्ञानिकों (Scientists) ने भविष्यवाणी की है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence अगले कुछ वर्षों में इंसानों से भी ज्यादा बुद्धिमान हो सकती है. यह विचार कई प्रमुख वैज्ञानिकों और तकनीकी नेताओं द्वारा व्यक्त किया गया है, जिनमें एलोन मस्क और रे कुर्ज़वील शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में एक स्टडी में 8,590 वैज्ञानिकों, उद्यमियों और समुदायों के विचारों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि जल्दी ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चार कदम आगे निकलकर आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) में तब्दील हो जाएगा. अगर आप नहीं समझे तो सीधे तौर पर कहें तो वो इंसान से ज्यादा स्मार्ट बनकर उसे गुलाम बना लेंगे. वो दिन ज्यादा दूर नहीं है बल्कि अगले 25 वर्षों में ऐसा संभव हो सकता है. इसका मतलब है कि 2050 तक AGI का अस्तित्व हो सकता है.
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल यानि 2026 में AGI का आगमन हो सकता है. हालांकि कुछ उद्यमियों का कहना है कि कि साल 2030 के दशक में AGI संभव हो सकता है. वहीं वैज्ञानिक कहते हैं कि अगले 15 सालों में ये हो सकता है. एजीआई यानि आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस के आते ही हमारी ज़िंदगी में काफी बदलाव होंगे, जिनकी शुरुआत भी हो चुकी है. इसका सबसे डरावना अंत ये है कि हम अभी एआई चैटबोट्स पर हुक्म चलाते हैं लेकिन वो हमसे स्मार्ट हुआ, तो वो इंसानों की बुद्धि को अपने हिसाब से इस्तेमाल करेगा.
टेस्ला और स्पेसएक्स के संस्थापक इलॉन मस्क ने भविष्यवाणी की है कि अगले साल के अंत तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किसी भी एक इंसान से ज्यादा बुद्धिमान हो सकता है. मस्क के मुताबिक अगले पांच वर्षों में एआई की क्षमताएं सभी इंसानों से अधिक हो सकती हैं.
गूगल के पूर्व इंजीनियरिंग रे कुर्ज़वील ने भी एआई के विकास के बारे में कहा था कि साल 2029 तक एआई इंसानों की बुद्धिमत्ता के बराबर हो सकती है और 2045 तक एआई इंसानों से भी ज्यादा बुद्धिमान हो सकती है. उन्होंने इसे सिंगुलैरिटी की संज्ञा दी है यानि वो प्वाइंट जब जब मशीनें इंसानों से अधिक बुद्धिमान हो जाएंगी।
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