
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में रोशनी एक्ट के तहत ज़मीन पाने वाले लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर जनवरी में सुनवाई करेगा। आज सुनवाई के दौरान राज्य प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। तब जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट को रिव्यू पिटीशन पर 21 दिसम्बर को सुनवाई करने का आदेश दिया।
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने बिना उनका पक्ष सुने आवंटन को गलत करार दिया। वे जमीन के कानूनी हकदार हैं और वे जम्मू-कश्मीर की नजूल भूमि के लीजधारक हैं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट भूमि के अनाधिकृत अतिक्रमण पर विचार कर रहा है लेकिन याचिकाकर्ता जमीन के कानूनी हकदार हैं।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी रोशनी एक्ट के तहत जमीन पानेवाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। मेहता के इस बयान को रिकार्ड करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को रिव्यू पिटीशन पर 21 दिसम्बर को सुनवाई करने का आदेश दिया।
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