
जयपुर । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में (Under Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana) राजस्थान के जल संसाधन विभाग को (To Rajasthan Water Resources Department) 16.50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए (Rs. 16.50 crore Sanctioned) ।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ‘हर खेत को पानी‘ अभियान में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा राजस्थान के जल संसाधन विभाग को 16.50 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता राशि स्वीकृत की गई है। यह राशि वर्ष 2025-26 की प्रथम किश्त के रूप में अभियान अंतर्गत प्रगतिरत 84 रिपेयर-रिनोवेशन-रेस्टोरेशन (आरआरआर) कार्यों के लिए प्राप्त हुई है। अब राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत (लगभग 11 करोड़ रुपए) राशि और जोड़ी जाएगी। इस प्रकार कुल 27.50 करोड़ रुपए की लागत से कार्यों को गति मिलेगी।
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बताया कि आरआरआर योजना अंतर्गत कोटा, बूंदी और टोंक जिलों में सिंचाई सुविधाओं के पुनरुद्धार के लिए 84 कार्य 11 सितम्बर, 2023 को स्वीकृत किए गए थे। इन कार्यों के पूर्ण होने से लगभग 4 हजार 404 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र फिर से क्रियाशील हो जाएगा, जिससे 2.16 लाख से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
विभागीय जानकारी के अनुसार, परियोजना की कुल लागत 142.92 करोड़ रुपए है। इसमें केन्द्र और राज्य का अंशदान 60ः40 के अनुपात में है। इसके अंतर्गत केन्द्रांश 85.75 करोड़ रुपए और राज्यांश 57.17 करोड़ रुपए निर्धारित है। इसके तहत विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 15 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता प्राप्त हुई थी। वर्तमान में कार्यों की भौतिक प्रगति लगभग 65 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है।
इस योजना की प्रगति से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में संचालित ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान को भी गति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि जल संसाधन मंत्री लगातार विभिन्न जिलों का दौरा कर अभियान के तहत जल संरचनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर रहे हैं। आमजन को जागरूक कर अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने का प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन प्रशासन स्तर पर भी जल संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
रावत ने कहा कि हर खेत तक पानी पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। इस दिशा में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना महत्वपूर्ण कदम है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के अथक प्रयासों और विभागीय समन्वय से राशि स्वीकृत हुई है, जिससे कार्यों को नई गति मिली हैं। इस अभियान से सिंचित क्षेत्र पुनर्जीवित होगा। कृषि क्षेत्र में विस्तार होने से किसानों की आजीविका में वृद्धि होगी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved