
नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में नागपुर(Nagpur) के ऐतिहासिक रेशिमबाग मैदान(historical Reshimbag ground) में आज विजयादशमी उत्सव(Vijaya Dashami festival) का भव्य आयोजन(grand event) किया जा रहा है। यह कार्यक्रम न केवल संघ की परंपरागत शस्त्र पूजा और मार्च का प्रतीक बना, बल्कि संगठन के शताब्दी वर्ष की शुरुआत का भी ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए, जबकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पूर्ण गणवेश में मंच पर नजर आए।
सुबह करीब साढ़े सात बजे शुरू हुए इस समारोह में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने सबसे पहले शस्त्र पूजा की, जो धर्म की रक्षा और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इसके बाद योग प्रदर्शन, प्रात्यक्षिक, नियुद्ध, घोष और प्रदक्षिणा जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मैदान को गुंजायमान कर दिया। शताब्दी वर्ष के कारण इस बार कार्यक्रम की भव्यता में तीन गुना वृद्धि हुई, जिसमें पूर्ण गणवेश में 21,000 से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए। यह संख्या पिछले वर्षों से कहीं अधिक थी।
मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बुधवार को ही नागपुर पहुंचे हैं। उन्होंने दीक्षाभूमि पर भी प्रार्थना की, जहां डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया था। कोविंद ने समारोह को संबोधित करते हुए संघ के योगदान की सराहना की और कहा कि यह आयोजन राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में एक लाख से ज्यादा ‘हिंदू सम्मेलनों’ समेत कई कार्यक्रमों की योजना बनायी है। इसकी शुरुआत दो अक्टूबर को यहां संगठन के मुख्यालय में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वार्षिक विजयादशमी संबोधन से हो गई। केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी।
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