चेन्नई । तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई (Chennai) में पुलिस ने सरकारी स्कूल में शाखा (Branch in Government School) लगाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है। इसकी वजह से तमिलनाडु (Tamil Nadu) की पूर्व राज्यपाल और बीजेपी नेता तमिलिसाई सुंदरराजन (Tamilisai Soundararajan) ने राज्य की डीएमके सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्टालिन असामाजिक गतिविधियों पर अपनी आंखें मूंदे रहते हैं, लेकिन आरएसएस के कार्यकर्ता अगर बिना किसी सनसनी के अपना कार्यक्रम आयोजित करते हैं, तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाता है।
यह पूरा मामला ऐसे समय पर सामने आया है, जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी 100वीं वर्षगांठ का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत नागपुर से अपने कार्यक्रम में देश की एकता की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ रिपोर्ट्स के मुताबिक संघ के इन स्वयं सेवकों की गिरफ्तारी स्थानीय सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल की शिकायत के आधार पर की गई है। अधिकारियों के मुताबिक स्कूल के प्रिंसिपल ने एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि संघ के कार्यकर्ता बिना किसी अनुमति के परिसर में घुस आते हैं और शाखा लगाते हैं। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लगभग 50 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
इस घटना से नाराज पूर्व राज्यपाल न कहा, “मैं कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने की कड़ी आलोचना करती हूं। यह डीएमके सरकार की मानसिकता है। वे अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाना चाहिए… क्योंकि यह शुभ दिन है।”
गौरतलब है कि तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में तमिलनाडु का राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी और एआईडीएमके का गठबंधन इस चुनाव में डीएमके और कांग्रेस के गठबंधन को सीधी चुनौती देगा। इसके अलावा हाल ही में राजनीति में उतरे अभिनेता विजय भी चुनावी मैदान में ताल ठोकते नजर आएंगे। ऐसे में हर मुद्दे पर राजनीति तेज होने की उम्मीद है।
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