
नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान तनाव (India-Pakistan tension) फिलहाल खत्म होने के बाद आईपीएल (IPL 2025) की फिर वापसी हो रही है. पाकिस्तानी हमले (Pakistani attacks) के बाद बीसीसीआई ने 8 मई को पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स का मैच बीच में ही रद्द कर दिया था. फिर अगले दिन बोर्ड ने टूर्नामेंट को एक हफ्ते के लिए टालने का ऐलान किया था. अब 17 मई से फिर इसकी वापसी हो रही है लेकिन कई विदेशी खिलाड़ी इसमें हिस्सा नहीं ले पाएंगे. ऐसे में बोर्ड ने नियमों में एक बड़ा बदलाव करते हुए हर टीम को अस्थाई तौर पर विदेशी खिलाड़ियों को रिप्लेस करने की इजाजत दी है.
22 मार्च से शुरू हुए आईपीएल के 18वें सीजन को भारतीय बोर्ड ने 9 मई को रोक दिया था. ऐसे में ज्यादातर विदेशी खिलाड़ी अपने-अपने देशों को लौट गए थे. फिर 12 मई को बीसीसीआई ने बचे हुए 17 मुकाबलों के लिए नया शेड्यूल जारी किया, जिसके तहत टूर्नामेंट 17 मई से 3 जून तक चलेगा. मगर इस स्थिति में कई विदेशी खिलाड़ी वापस लौटने को तैयार नहीं हैं, जबकि कई अन्य अपनी-अपनी नेशनल ड्यूटी के कारण टूर्नामेंट के कई मैच नहीं खेल पाएंगे.
इसको देखते हुए ही अब बीसीसीआई ने सभी फ्रेंचाइजी को रिप्लेसमेंट प्लेयर साइन करने की छूट दी है. ईएसपीएन-क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएल के नियमों में साफ है कि लीग स्टेज के 12 मैच पूरे होने के बाद कोई भी टीम चोट, बीमारी या अन्य किसी भी वजह से खिलाड़ियों के बाहर होने की स्थिति में रिप्लेसमेंट प्लेयर साइन नहीं कर सकती. इस सीजन में कई टीम 12 मैच खेल चुकी हैं. मगर मौजूदा स्थिति को देखते हुए बीसीसीआई ने इस बार नियम में छूट देते हुए हर टीम को इजाजत दी है कि वो नए खिलाड़ी शामिल कर सकती है.
हालांकि, इस नियम में भी एक बड़ी शर्त बीसीसीआई ने लगाई है. मौजूदा स्थिति में बदले हुए खिलाड़ियों को अस्थायी माना जाएगा और वो सिर्फ इस सीजन के लिए ही टीम का हिस्सा हो सकेंगे. यानि इस सीजन में खेलने के बाद अगले सीजन के लिए उन्हें रिटेन नहीं किया जा सकेगा. आम तौर पर रिप्लेस किए गए खिलाड़ियों को भी रिटेन करने की इजाजत मिलती है लेकिन अब जिन खिलाड़ियों को साइन किया जाएगा, उनका कॉन्ट्रेक्ट सिर्फ इस सीजन तक रहेगा.
वैसे तो बीसीसीआई की ओर से ये छूट सभी 10 टीम को मिली है, मगर इसका सबसे ज्यादा फायदा 7 टीम को हीसहोगा. चेन्नई सुपर किंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स की स्थिति में इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ये तीनों टीम प्लेऑफ की रेस से पूरी तरह बाहर हो चुकी हैं. ऐसे में उनके लिए हार-जीत सिर्फ आखिरी स्थान से बचने की लड़ाई है. वहीं बाकी 7 टीम के लिए प्लेऑफ की लड़ाई अभी भी जारी है और इसलिए उनके लिए ये राहत भरा फैसला है.
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