
नई दिल्ली। ऊर्जा संरक्षण (Energy conservation) और हरित रसोई (Green kitchen) बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने अहम कदम बढ़ाते हुए गैस चूल्हों (Gas Stoves) के लिए एयर कंडीशनर (Air conditioner) और अन्य विद्युत उपकरणों जैसा ही ऊर्जा दक्षता मानकों (energy efficiency standards ) को अनिवार्य कर दिया है। यानी जैसे एयर कंडीशनर (AC) के लिए स्टार रेटिंग (वन स्टार टू फाइव स्टार) अनिवार्य है, ठीक उसी तरह से अब LPG गैस चूल्हों के लिए भी ये स्टार रेटिंग अनिवार्य कर दिया गया है।
मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने घरेलू एलपीजी स्टोव के लिए नए अनिवार्य ऊर्जा खपत मानकों को मंगलवार को अधिसूचित किया है, जो 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी होंगे। ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत जारी यह आदेश, घरेलू ऊर्जा दक्षता में सुधार की चल रही कोशिशों का हिस्सा है। इसे सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया है।
BEE की सलाह से जारी किए गए हैं आदेश
अधिसूचना में कहा गया है कि भारत में उपयोग किए जाने वाले सभी घरेलू एलपीजी स्टोव, चाहे वे आयातित ही क्यों न हों, सभी को भारतीय मानक (IS) 4246 में परिभाषित तापीय दक्षता मानकों का पालन करना होगा। ये आदेश ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की सलाह से जारी किए गए हैं और तापीय दक्षता को दर्शाने के लिए चू्ल्हों पर स्टार लेबलिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।
रेटिंग चार्ट में क्या मानक निर्धारित किए गए?
नई लेबलिंग योजना में एलपीजी स्टोव की तापीय दक्षता के आधार पर 1 से 5 स्टार तक की स्टार रेटिंग शामिल की गई है। रेटिंग चार्ट में निम्नलिखित मानक निर्धारित किए गए हैं – 1 स्टार वाले स्टोव की दक्षता ≥68% और <70% होनी चाहिए; 2 स्टार स्टोव की दक्षता: ≥70% और <72%; 3 स्टार की दक्षता: ≥72% और <74%; 4 स्टार की दक्षता: ≥74% और <76% और 5 स्टार स्टोव की दक्षता: ≥76%रखी गई है।
लेबलिंग अवधि कब तक मान्य
अधिसूचना में कहा गया है कि हरेक उपकरण पर एक आधिकारिक लेबल के माध्यम से स्टार रेटिंग की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी, ताकि ग्राहक विभिन्न स्टोव मॉडलों के ऊर्जा प्रदर्शन की आसानी से तुलना कर सकें। लेबलिंग अवधि 1 जनवरी, 2026 से 31 दिसंबर, 2028 तक मान्य होगी, जिसके बाद आवश्यकता पड़ने पर हर दो साल या उससे पहले इसकी समीक्षा की जाएगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत एलपीजी स्टोव के सभी निर्माताओं और आयातकों के लिए बीईई के ऑनलाइन मानकों और लेबलिंग पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराना अनिवार्य है। केवल वे स्टोव जो केवल एलपीजी (किसी अन्य गैस प्रकार पर नहीं) पर चलते हैं और जिनके पास वैध बीआईएस प्रमाणन है, लेबलिंग के लिए पात्र होंगे।
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