
सिद्धार्थनगर । एसएसबी जवानों (SSB Soldier) ने शनिवार को भारत-नेपाल सीमा (India-Nepal border) स्थित चेकपोस्ट पर चेकिंग के दौरान एक कार से 40 लाख भारतीय रुपये सहित दो लोगों को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया। अग्रिम कार्रवाई के लिए दोनों को डीआरआई गोरखपुर को सौंप दिया। दोनों गोरखपुर के ही रहने वाले हैं।
एसएसबी सी समवाय बढ़नी के असिस्टेंट कमांडेंट संजय केपी ने बताया कि विशेष गश्ती दल को शनिवार को भारत-नेपाल मार्ग पर गोरखपुर से आती एक कार दिखी। उसे रोककर चेकिंग की गई तो कार के अंदर एक बड़े थैले में मोटी रकम मिली। कार में गोरखपुर के आवास विकास कॉलोनी, तिवारीपुर निवासी अतुल कुमार सैनी और मियां बाजार निवासी मकसूद आलम बैठे थे। थैले में 40 लाख रुपये भारतीय मुद्रा और एक-एक मोबाइल बरामद हुआ। दोनों व्यक्ति बरामद नकदी के बाबत संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। रुपए एसएसबी ने अपने कब्जे में ले लिया। दोनों को बरामद सामान सहित डीआरआई गोरखपुर को सौंप दिया गया।
बलरामपुर से टेरर फंडिंग में दो गिरफ्तार
वहीं, नेपाल सीमा से टेरर फंडिंग कर देश विरोधी साजिश में शामिल गिरोह के दो और सदस्यों अबुल आस उर्फ अबुलास और विनीत मिश्र को बलरामपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अबुस सिद्धार्थनगर और विनीत सुलतानपुर का रहने वाला है। ये दोनों आरोपी भी 88 बैंक खातों के संचालन करने में अहम भूमिका निभा रहे थे।
एसपी विकास कुमार के मुताविक अबुलास के खिलाफ राजस्थान में 2012 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद वह सिद्धार्थनगर में फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने लगा था। उसके द्वारा आवासीय प्लाट आवंटन एवं फर्जीवाड़े की बात भी सामने आई है। इस मामले में पुलिस सरगना सस्पियर समेत 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन ठगों द्वारा 228 बैंक खातों में लेनदेन किया गया है। इनमें 88 खातों के विवरण में 146 करोड़ रुपयों से अधिक का लेनदेन सामने आया है। इसमें कई विदेशी खाते भी शामिल हैं। इन खातों से ही टेरर फंडिंग होने के साक्ष्य मिले है। चायनीज लोनिंग ऐप के जरिये साइबर ठगी कर करोड़ों रुपये क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित कर विदेश भेजने वाले अन्तर्राष्ट्रीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश पुलिस ने काफी पहले कर दिया था। इसके सरगना सस्पियर की गिरफ्तारी के बाद से लगातार धरपकड़ जारी थी। एसपी विकास कुमार ने बताया कि अबुलास पूर्व में गिरफ्तार हुए राहुल मिश्र के सम्पर्क में आकर साइबर अपराध से जुड़ा था।
इससे पहले वह वर्ष 2007 में रोजगार के सिलसिले में दिल्ली गया था। चार वर्षों तक वहां पर टूर एंड ट्रेवलर, पीसीओ की दुकान पर काम करते हुए कम्प्यूटर सीखा था। वर्ष 2012 में वापस आकर उसने अपना साइबर कैफे व जन सेवा केन्द्र खोल लिया था। जिसके जरिये काफी दिनों तक वह फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने का काम शुरू किया था।
अबुलास के पास मिले 88 बैंक खाते
एसपी विकास कुमार ने बताया कि अबुलास के पास से 88 बैंक खाते मिले हैं। इनमें से जितने खातों का विवरण प्राप्त हुआ है उनसे 22 करोड़ 95 लाख 35 हजार 905 रुपयों का लेनदेन किया गया है। दूसरे आरोपी विनीत मिश्र ने पूछताछ में बताया कि वह लखनऊ में प्रापर्टी डीलर का काम करता था। वर्ष 2020 में काम के सिलसिले में यश बैंक गया था। जहां पर उसकी मुलाकात राहुल मिश्र से हुई, जिसके बाद वह इस धंधे में आ गया था। विनीत के पास से 55 खाते मिले हैं जिनके जरिये 100 करोड़ से अधिक का मामला सामने आया है। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि यह दोनों मिलकर ऑनलाइन गेमिंग, वेटिंग, सट्टा ऐप फ्राड से सम्बन्धित कार्य करके पैसा ले रहे थे। इसमें फर्जी फर्म का करंट एकाउंट जिसकी प्रतिदिन लेनदेन की लिमिट लाखों में होती थी, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से साइबर फ्राडस्टर एजेंटों से सम्पर्क कर प्राप्त करता था।
सबकुछ हो रहा था ऑनलाइन, पुलिस ने पकड़ा पूरा गेम
सब कुछ ऑनलाइन हो रहा था, जिसके जरिये न सिर्फ लाखों करोड़ों कमाए जा रहे थे बल्कि इससे विदेशी फंडिंग भी हो रही थी। ऑनलाइन गेमिंग, वेटिंग ऐप से प्राप्त धनराशि के सेटेलमेंट के लिए कुछ गेमिंग ऐप जैसे सार्प पे, सुपर पे, ग्रो पे आदि से जुड़े एजेंटों को धनराशि उपलब्ध कराया जाता था। ऑनलाइन वेटिंग ऐप से प्राप्त होने वाले लाभांश एवं गेमिंग ऐप से सरकार को प्राप्त होने वाले टैक्ट की धनराशि को अवैध तरीके से प्राप्त कर धनार्जन किया जाता था। इस कार्य के लिए गिरोह में शामिल लोगों को दो से तीन प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। जब उन बैंक खातों पर कोई शिकायत दर्ज नहीं होती थी तो बैंक द्वारा खातों को फ्रीज कर दिया जाता था। यह लोग उसी बैंक खातों को नए बैंक एकाउंट के रूप में प्राप्त कर साइबर फ्राड करते थे।
क्या बोली पुलिस
बलरामपुर के एसपी विकास कुमार ने बताया कि अबुलास के पास से 88 बैंक खाते मिले हैं। इनमें से जितने का विवरण प्राप्त हुआ है उससे 22 करोड़ 95 लाख 35 हजार 905 रुपये का लेनदेन किया गया है। इन खातों के विरुद्ध 271 शिकायतें राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज है। वहीं विनीत के पास से 55 खाते मिले हैं इनमें 100 करोड़ से अधिक का लेनदेन किया गया है। सभी की जांच की जा रही है।
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